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जीवन में तप जरूरी: साध्वी श्री प्रबलयशा जी
राजसमंद JTN
जैन श्वेतांबर तेरापंथ सभा कांकरोली के तत्वावधान में जडिय़ा कॉम्पलेक्स में साध्वी प्रबलयशा के सान्निध्य में अमिता श्रीमाल के नौ दिवस की तपस्या का तप अभिनंदन किया।
सभा को संबोधित करते हुए साध्वी प्रबलयशा ने कहा कि तप एक अंतर का अनुष्ठान है यह एक भीतर की शुद्धि का साधन है, आठ कर्मों को क्षय करता है वह तप है, तप का मार्ग है उष्णता। तप की उष्णता से आत्मा के साथ चिपके कर्मों को तप द्वारा पिघाला जा सकता है। श्रीमाली परिवार की ओर से मोहनी देवी ने गीतिका प्रस्तुत की।