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Ladnun: 27.07.2013
Acharya Mahashraman said hurdles can come in way of truth but it cannot be defeated. He was speaking in ending ceremony of two days Kanyamandal Adhiveshan.
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सच्चाई परेशान हो सकती है, परास्त नहीं: आचार्य महाश्रमण
लाडनूं 26 जुलाई 2013 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
आचार्य महाश्रमण ने कहा है कि जीवन कितना मिले, इससे ज्यादा महत्व इस बात का है कि जीवन को कैसे जिया जाए। जिस व्यक्ति के जीवन में अध्यात्म होता है, वह छोटे से जीवन में भी बहुत बड़ा काम कर जाता है। सच्चाई परेशान हो सकती है मगर परास्त नहीं हो सकती, इसलिए सच्चाई का रास्ता कभी नहीं छोडऩा चाहिए। कन्या मंडल के दसवें राष्ट्रीय अधिवेशन के आखिरी दिन 'आओ जीना सीखें' विषय पर सत्र को संबोधित करते हुए सुधर्मा सभा में उन्होंने एक मुक्तक 'सांस का दीपक जलता झंझावात में' प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि कन्याओं में सच्चाई के प्रति निष्ठा जगे, इसके लिए उन्हें सांस तथा मनोबल को जागृत करना होगा। कन्याओं के समुचित विकास के लिए कुछ सूत्रों को अपनाने की जरूरत है। ये सूत्र हैं- ईमानदारी का विकास, संयम का विकास, सहिष्णुता का विकास, अहिंसा का विकास और जीने की कला का विकास। उन्होंने राजनीति के बारे में कहा कि राजनीति में गुणवत्ता बनी रहनी चाहिए। नैतिक मूल्यों पर आधारित राजनीति होती है तभी देश नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर सकता है। मंत्री मुनि सुमेरमल ने धैर्य, पुरुषार्थ, सकारात्मक सोच आदि गुणों का विकास करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि जीवन को ऐसे जीएं कि जब हम पीछे मुड़कर देखें या बुढ़ापे में अतीत का चिंतन करें तो उससे तृप्ति मिले। हरियाणा की सांसद सावित्री जिंदल ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि कन्याओं का पहनावा अच्छा होना चाहिए तथा उनमें ऐसे गुणों का विकास होना चाहिए कि वे समाज के लिए गौरव बन सकें। तेरापंथ महिला मंडल की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती सूरज बरडिय़ा ने कन्या मंडल के आंकड़े प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में समस्त कन्याओं को आचार्य महाश्रमण की पुस्तक 'आओ हम जीना सीखें' भेंट की गई।
महिला मंडल की राष्ट्रीय महामंत्री पुष्पा बैद ने आभार जताया। संचालन कन्या मंडल की राष्ट्रीय संयोजिका पूनम गुजरानी ने किया।