ShortNews in English
Balotara: 23.07.2013
254th Foundation Day of Terapanth Sect Celebrated in Presence of Sadhvi Kamal Shree.
News in Hindi
तेरापंथ एक प्राणवान धर्मसंघ: साध्वी कमलश्री
बालोतरा 22 जुलाई 2013 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो स्वरूप चंद दाती
तेरापंथ धर्मसंघ एक प्राणवान धर्मसंघ है। सौलह कलाओं से परिपूर्ण आज गुरु पूर्णिमा के दिन ठीक 253 वर्ष पूर्व शुभ घंडी, शुभ वेला में तेरापंथ की स्थापना हुई। अपने श्रम की बूंदों से जीवन के अंतिम समय तक इसको सींचा। वहीं वृक्ष आज वह वटवृक्ष का रूप लेकर जैन धर्म का पर्याय बन गया है। ये विचार शासन साध्वी कमलश्री ने 254 वें तेरापंथ स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किए।
साध्वी श्री जिनरेखा ने कहा कि विजय के लिए सतत जागरूकता की अपेक्षा रहती है। आचार्य भिक्षु सत्य के लिए जगे, साधना के लिए जगे, दूसरों को जगाने के लिए जगे। उन्होंने जागृत होकर निकट और सुदूर को एक मंत्र दिया, वह है मर्यादा। साधु जीवन और श्रावक जीवन की वास्तविकता को प्रकाशित करने में उनकी जो लेखनी चली, वह उस युग की ओट में एक मनोविज्ञान की रचना थी। यह तेरापंथ धर्मसंघ उन्हीं का मथा हुआ मक्खन और आज की भाषा में साइंस का रूप है। साध्वी मधुरयशा, साध्वी धवलप्रभा, साध्वी वृद्ध का सामूहिक गीत, कन्या मंडल का आचार्य भिक्षु के जीवन की विशेषताओं पर आधारित एक विशेष परिसंवाद, गुणवंतीदेवी श्रीश्रीमाल, कमलादेवी ओस्तवाल, ममतादेवी गोलेच्छा, जवेरीलाल सालेचा सहित श्रावक-श्राविकाओं ने अपने विचार व्यक्त किए। मंच का संचालन साध्वी श्वेतप्रभा ने किया। इसी प्रकार तेरापंथ स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुनि जंबू कुमार ने कहा कि आचार्य भिक्षु सत्य के महान साधक थे। उन्होंने अनुभगत सत्य के आधार पर नए मूल्यों की स्थापना की। उनकी दृष्टि पैनी और मति सूक्ष्म ग्राही थी। उस समय आगम और आचार के मध्यम पलती दूरी को पाटने का सुसाध्य कार्य किया।