ShortNews in English
Ladnun: 23.07.2013
Eleven Mumukshu Sister Will be Given Diksha by Acharya Mahashraman. Acharya Mahashraman instructed them to learn Sadhu Pratikraman.
News in Hindi
आचार्य ने 11 मुमुक्षु बहनों को प्रतिक्रमण की अनुमति दी
लाडनू 22 जुलाई 2013 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो प्रतिनिधि समृद्धि नाहर
जैन दीक्षा लेने के लिए मुमुक्षु के रूप में जीवन व्यतीत करने वाली 11 बहनों को साधु प्रतिक्रमण सीखने के आदेश सोमवार को आचार्य महाश्रमण ने दिए। जिनमें मुमुक्षु समता, मुमुक्षु नम्रता, मुमुक्षु गणश्री, मुमुक्षु बिंदू, मुमुक्षु ललिता, मुमुक्षु इंद्रा, मुमुक्षु कीर्ति, मुमुक्षु निकिता, मुमुक्षु ममता, मुमुक्षु कुसुम, मुमुक्षु चंदा शामिल हैं। गौरतलब है कि जैन साधु बनने के लिए मुमुक्षु में शामिल होने के बाद आचार्य अपनी कसौटी पर परखते हैं। उनमें साधु बनने की भावना के प्रबलता को देखते हुए उन्हें साधु प्रतिक्रमण सीखने का आदेश दिया जाता है। फिर निकट भविष्य में जैन दीक्षा देने की घोषणा होती है।
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तेरापंथ के स्थापना दिवस पर लाडनूं समेत चूरू के गांव-कस्बों में हुए समारोह
लाडनू 22 जुलाई 2013 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो प्रतिनिधि समृद्धि नाहर
जैन विश्वभारती में सोमवार को तेरापंथ स्थापना दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया। आचार्य महाश्रमण ने कहा कि तेरापंथ धर्म की स्थापना विकट परिस्थितियों में हुई, लेकिन संस्थापक आचार्य भिक्षु ने अपने चातुर्य व बुद्धि कौशल से इसकी रीति-नीति बनाई। जिससे आज यह धर्मसंघ सुदृढ़ बनकर संपूर्ण विश्व को सत्य अहिंसा व आत्म कल्याण का पाठ पढ़ा रहा है। आज ही के दिन आचार्य भिक्षु ने भाव दीक्षा ग्रहण की थी। इस निष्ठावान संघ में आज भी एक गुरु और एक विधान है। संघ में सभी साधु-साध्वियों में ही नहीं, बल्कि संपूर्ण समाज में भी एक आचार्य का सिद्धांत चल रहा है। मंत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि आचार्य भिक्षु का शासन सबसे भिन्न व भव्य था। साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा ने कहा कि संगठन के महत्व को आचार्य भिक्षु ने नई परिभाषा दी। साध्वी विश्रुत विभा ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन मुनि कुमार श्रमण ने किया।