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Balotara: 06.07.2013
Pragya Divas Celebrated in Presence of Muni Madan Kumar.
News in Hindi
करुणाशील महामानव थे आचार्य महाप्रज्ञ' -मुनिश्री मदनकुमारजी
जीवन में धर्म के साथ नैतिकता का विकास जरूरी -मुनिश्री जंबूकुमार
बालोतरा 05 जुलाई 2013 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
मुनि श्री मदन कुमारजी ने कहा कि इंद्रिय और मन के श्रम को कम कर प्रज्ञा को जगाया जा सकता है। जीवन में सफलता के लिए कषाय शमन की साधना करनी चाहिए। प्रेक्षाध्यान प्रायोगिक जीवन दर्शन है। ये उद्बोधन मुनि मदन कुमार ने शुक्रवार को न्यू तेरापंथ भवन में आचार्य महाप्रज्ञ के 94 वें जन्म दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित प्रज्ञा दिवस कार्यक्रम में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ करुणा शील महामानव थे। उनका संपूर्ण जीवन विनय और समर्पण की गौरव गाथा है। समस्या और दुख को भिन्न बताते हुए मुनि मदन कुमार ने कहा कि जीवन में सब जीवों के साथ मैत्री जरूरी है। यही शांति का राजमार्ग है। आचार्य महाप्रज्ञ का जीवन हर अनंता हरिकथा अनंता का सफल निर्देशन है। वे आचार्य तुलसी के सफल भाष्यकार थे।