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Balotara: 26.06.2013
17th Mahaprayan Day of Acharya Tulsi Celebrated in Presence of Muni Madan Kumar.
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आचार्य तुलसी की 17 वीं पुण्यतिथि कार्यक्रमबालोतरा जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
मुनि मदन कुमार ने कहा कि अध्यात्म के विकास से ही अपराधमुक्त समाज की रचना की जा सकती है। निरपराध की हिंसा जघन्य पाप है। व्यक्ति और समाज की स्वस्थता के लिए अणुव्रत की साधना जरूरी है। मुनि मदन कुमार जैन भवन में राष्ट्र ऋषि आचार्य तुलसी की 17 वीं पुण्यतिथि कार्यक्रम में श्राविका-श्राविकाओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जैन धर्म को जन धर्म बनाने का श्रेय आचार्य तुलसी को जाता है। वे मानवता के मसीहा और सिद्ध पुरुष थे। संकल्प के विकास पर बल देते हुए मुनि ने कहा कि जीवन में धर्म के साथ नैतिकता जरूरी है। धार्मिक व्यक्ति की पहली पहचान नशा मुक्त जीवन है। लोक प्रशिक्षण के द्वारा ही लोकतंत्र को शुद्ध बना सकते हैं। अणुव्रत को असांप्रदायिक धर्म बताते हुए मुनि ने कहा कि हर व्यक्ति महापुरुष बन सकता है। मुख्य वक्ता ओमप्रकाश बांठिया ने कहा कि आचार्य तुलसी क्रांतिकारी और विराट व्यक्तित्व के धनी थे। समण दीक्षा उनकी विलक्षण देन है। दीक्षा और यात्रा के क्षेत्र में उन्होंने कीर्तिमान स्थापित किए हैं। कार्यक्रम में सुमेरमल बाफना, मुनि पुनीत कुमार, रमेश बागरेचा, हर्ष, भंवरलाल, तृप्ति आदि ने उद्गार व्यक्त किए। इस मौके पर किशना राम महाराज, नगाराम चौधरी सहित श्रद्धालु उपस्थित थे।