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Kalyanpura: 10.06.2013
Acharya Mahashraman said that fear is hurdle in Sadhana of Non-violence and Truth.
News in Hindi
कल्याणपुर में आयोजित तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने कहा
कल्याणपुर जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने कहा कि उन आत्माओं को नमस्कार है, जो राग-द्वेष विजेता, परमज्ञानी व अभय है। अभय से आदमी परमसुखी बन जाता है और भयभीत आदमी दु:खी रहता है। ये उद्बोधन आचार्य महाश्रमण ने रविवार को कल्याणपुर में आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि अहिंसा व सत्य की साधना में भय बाधक है। आदमी क्रोध, गुस्सा, लोभ, भय, हंसी के कारण झूठ बोल जाता है। आचार्य ने कहा कि साधना का महत्वपूर्ण सूत्र अभय हो जाना है। आदमी को डरना नहीं चाहिए। न डराना चाहिए। मंत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि धर्म का स्वभाव बाहर से भीतर लाना है। सांसारिक व्यवहार का क्रम भीतर से बाहर लाने का होता है। व्यक्ति अपनी इंद्रियों पर संयम कर सके। व्यक्ति जब तक बाहर का भटकाव बंद नहीं करता, संसार का परिभ्रमण करना है और कर्मों का वंदन भी करता है। मुनि ने कहा कि व्यक्ति आचार्य की वाणी को जीवन में उतारकर जीवन को आगे बढ़ाएं। कार्यक्रम के प्रारंभ में समणी हंसप्रज्ञा ने अपने पैतृक भूमि पर आचार्य का स्वागत करते हुए भावोभिव्यक्ति दी। कार्यक्रम के अंत में लाडनूं कन्या मंडल ने गीतिका की प्र्रस्तुति दी। कल्याणपुर जैन मित्र संघ के मंत्री लूणचंद ने अपने विचार व्यक्त किए।
कल्याणपुर. प्रवचन देते आचार्य महाश्रमण।
कल्याणपुर. धर्मसभा में उपस्थित श्रद्धालु।
अहिंसा व सत्य की साधना में भय बाधक है'