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Rakhi: 06.06.2013
Acharya Mahashraman Inspired People to Follow Way of Morality and Non-violence.
News in Hindi
आचार्य महाश्रमण का धवल वाहिनी सेना के साथ राखी में प्रवेश, कस्बेवासियों ने स्वागत में बिछाए पलक पावड़े, भक्तों के आग्रह पर राखी कस्बे में किया भ्रमण
राखी 05 जून 2013 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने बुधवार को सवेरे 8 बजे अपनी धवल वाहिनी सेना के साथ राखी कस्बे में प्रवेश किया। कस्बे में प्रवेश पर कस्बेवासियों सहित जैन धर्म के लोगों की ओर से आचार्य महाश्रमण के स्वागत में पलक पावड़े बिछाते हुए ढोल ढमाकों के साथ फूल-मालाओं से स्वागत किया। इसके बाद कस्बे के राउमावि प्रांगण में धर्मसभा का आयोजन हुआ। धर्मसभा में श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित करते हुए आचार्य ने कहा कि मनुष्य को नैतिकता और अहिंसा के पथ पर चलना चाहिए। मनुष्य को संयम मय जीवन जीना चाहिए, जिससे उसको मोक्ष मिल सके। उन्होंने कहा कि मृत्यु आने पर मोह माया से दूर रहना चाहिए। जीना कला है तो मृत्यु भी कला है। नशे से दूर रहना चाहिए। भू्रण हत्या जैसा काम नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन को ईमानदारी के साथ जीना चाहिए। किसी को धोखा नहीं देना चाहिए। ईमानदारी के रास्ते पर चले। मानव जीवन को दुर्लभ माना गया है। विवेक और संयम की साधना करनी चाहिए। कार्यक्रम में स्वागत भाषण चक्रव्रतीसिंह ने प्रस्तुत किया। धर्मसभा में सिवाना विधायक कानसिंह कोटड़ी, पूर्व सरपंच भाखरसिंह, खंडप के भामाशाह चंपालाल जैन, अजातशत्रूसिंह राखी, अचलसिंह, शिवलाल रांका, जसराज सिंघवी, तपस्वीलाल लूंकड़, सूरजमल, बाबूलाल सिंघवी, रमेश भंसाली, जोरावरसिंह, नाथूसिंह सोलंकी, महावीर सोनी सहित श्रावक-श्राविकाएं मौजूद थे।