ShortNews in English
Mokalsar: 05.06.2013
Acharya Mahashraman said people to follow Non-violence, Sanyam and honesty for successful life.
News in Hindi
अहिंसा, संयम और ईमानदारी से जीवन सफल: महाश्रमण
मोकलसर 04 जून 2013 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
जैन तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण की धवल वाहिनी सेना का मंगलवार को मोकलसर कस्बे में प्रवेश पर श्री जैन संघ सहित ग्रामीणों की ओर से भव्य स्वागत किया गया।
मोकलसर स्थित राजकीय उमा स्कूल में अहिंसा यात्रा का एक दिन ठहराव हुआ। दोपहर को स्कूल प्रांगण में प्रवचन सभा का आयोजन किया गया। श्रावक-श्राविकाओं को उद्बोधन देते हुए महाश्रमण ने कहा कि कुछ गृहस्थ साधना में संतो से भी अधिक होते हैं। वे संत तो नहीं होते किंतु उनका जीवन एक गृहस्थ संत सा होता है। हर गृहस्थ साधु बन जाए यह संभव नहीं किंतु उनके जीवन में संयम का विकास अपेक्षित है। आचार्य ने कहा कि जीवन में निरंतर अहिंसा संयम और ईमानदारी का विकास होना चाहिए। जीव व्यक्ति के जीवन में यह तीनों बाते होती है। वे अधिकांश पाप से बच जाते है। आचार्य तुलसी ने गृहस्थ जीवन में साधना के लिए अणुव्रत की बात कही। अणुव्रत जीवन के छोटे-छोटे नियम जो जीवन मात्र को व्यवस्थित रूप देता है। अहिंसा की साधना के लिए गृहस्थों के लिए एक बात अपेक्षित है कि वे यात्रा करते हैं वो रात्रि में 9 बजे के बाद यथा संभव यात्रा का वर्जन रखना चाहिए यह सुरक्षा के लिए भी अपेक्षित है।