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Balotara: 16.01.2013
Acharya Mahashraman reached today at industrial town Balotara. He was given grand welcome by people. He reached third time during Ahimsa Yatra. He will gave Diksha to two Mumukshu on 16th January. He told during his Pravachan that mistakes are possible but people should stay alert to rectify it and never repeat it again.
News in Hindi
आचार्य महाश्रमण के बालोतरा में मंगल प्रवेश पर हुआ भव्य अभिनंदन
बालोतरा बालोतरा. 16 जनवरी 2013 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
जैन तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने उपस्थित जनमेदनी को प्रेरणा देते हुए कहा कि मनुष्य से यदा-कदा भूल-प्रमाद भी हो सकती है। ऐसे बहुत कम है, जिसमें कभी प्रमाद नहीं होता है। आदमी से भूल हो जाती है। आदमी का स्वभाव भुलक्कड़ होता है। वह अपनी मर्यादा को भी जाने-अनजाने में भूल सा जाता है। व्यक्ति संबंधों को भूल जाता है। ये उद्गार आचार्य ने मंगलवार को बालोतरा प्रवास के दौरान धर्मसभा में उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आदमी भूलों का पुनरार्वतन न करें। वह अपनी आत्मा का स्नान करने का पूरा प्रयास करें। भूल व प्रमाद का पूरा शोधन करने का प्रयास करें। गलती होने पर उसके शोधन का लक्ष्य रखें। गलती को दोहराए नहीं। यह लक्ष्य होने पर जीवन में परिष्कार हो जाता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति जीवन की पोथी में परिष्कार का प्रयास करें। आदमी तटस्थ भाव से स्वयं का परिष्कार करने का प्रयास करें। व्यक्ति अपने भीतर के वैभव को बढ़ाने का प्रयास करें। वह अपने जीवनर में उत्कर्ष व अपकर्ष से विचलित हुए बिना धर्माराधना करें। उन्होंने कहा कि व्यक्ति दूसरों के आत्म कल्याण का प्रयास करें। कार्यक्रम में बाड़मेर चातुर्मास कर आए शासन मुनि हर्षलाल ने अपनी भावोभिव्यक्ति दी। बाल मुनि धु्रव कुमार ने संत बनकर कर रहा हूं साधना गीत का संगान किया। गोगुंदा चातुर्मास कर आए मुनि दर्शनकुमार जो ने कविता के माध्यम से अपने भाव-अभिव्यक्त किए। युवा मुनि अतुलकुमार ने चरणों में आया तेरा चाकर हो गीत द्वारा श्रद्धासिक्त अभिव्यक्ति दी। मुनि मधुरकुमार ने अपने भावो की अभिव्यक्ति दी। मुनि रजनीशकुमार ने विचार प्रस्तुत किए। मुनि पुनीतकुमार ने अपनी जन्मभूमि पर आचार्य का स्वागत करते हुए भाव अभिव्यक्त किए। सिवांची मालाणी क्षेत्र की मुमुक्षु बहनों द्वारा आचार्य का स्वागत हम सब करते हैं गीत का संगान किया गया। आचार्य ने इस अवसर पर बालोतरा की साध्वियों को खूब शासन की सेवा व प्रभावना का आशीर्वाद दिया। आचार्य ने मुनि अक्षयकुमार, मुनि मधुरकुमार, मुनि पुनीतकुमार, मुनि धु्रवकुमार, मुनि अतुलकुमार, मुनि गणभक्त, मुनि शांतिप्रिय को खूब साधना के विकास का आशीर्वाद दिया। मुनि हर्षलाल के बारे में कहा कि ये हमारे अच्छे संत है। ये मिलनसार, स्वावलंबी संत है। मुनि दर्शनकुमार के बारे में कहा कि ये हमारे निष्ठाशील व शासन भक्ति रखने वाले संत है। कार्यक्रम में गौतम श्रीश्रीमाल ने अपने विस्तार व्यक्त किए। सभाध्यक्ष शांतिलाल डागा ने विचार व्यक्त किए। महासभा के महामंत्री विनोद चौरडिय़ा ने मनोहरीदेवी डागा समाज सेवा पुरसकार के लिए घीसूलाल बोहरा के नाम की घोषणा की। मीरादेवी अग्रवाल ने आचार्य से अठाई तप का प्रत्याख्यान किया। प्रेक्षा इंटरनेशनल द्वारा निर्मित कैलेंडर गौरव मांडोत द्वारा आचार्य को उपह्रत किया गया। कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेशकुमार ने किया।
आचार्य का लिया प्रेरणा पाथेय: अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण से वाणिज्यकर उपायुक्त श्रीमती वंदना सिंघवी एवं बालोतरा के उपखंड अधिकारी अयूब खां ने प्रेरणा पाथेय प्राप्त किया। अणुव्रत महासमिति क्षेत्रीय प्रभारी ओम बांठिया ने बताया कि वाणिज्यकर उपायुक्त श्रीमती वंदना सिंघवी ने बालोतरा तेरापंथ भवन में आचार्य के दर्शन कर मंगल पाठ प्राप्त किया। इस अवसर पर वाणिज्यकर सहायक आयुक्त राजेश जैन, प्रवास समिति संयोजक देवराज खींवसरा उपस्थित थे। वहीं एसडीएम अयूब खां ने खेड़ तीर्थ पर आचार्य महाश्रमण के दर्शन कर पे्ररणा पाथेय प्राप्त किया। आचार्य महाश्रमण ने कर्तव्य परामणता, निष्ठा के साथ सरकारी कार्यों के माध्यम से जनता की सेवा करने को प्राथमिकता देने तथा पीडि़त वर्ग को विशेष राहत के लिए प्रेरणा दी। सभा अध्यक्ष शांतिलाल डागा, मंत्री गौतमचंद श्रीश्रीमाल ने स्वागत किया तथा तेरापंथ महासभा के मंत्री विनोद चौरडिय़ा ने स्मृति चिह्न प्रदान किया।