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महावीर की है आजउपयोिगता: महाश्रमण
अगर आज अणुव्रत व महाव्रत की उपयोिगता है तो जैन आषवाणी क उपयोिगता है और उससे जुड़े भगवान महावीर की उपयोिगता है। महाव्रत अपने आप मे िविश, महान और कुछ किठन है। अणुव्रत सुसाध्य व मध्यम माग है। महाव्रत साधु धम है और अणुव्रत गृहस्थ धम है। यह बात आचाय महाश्रमण ने अहिंसा समवसरण मे आज के युग मे महावीर की उपयोिगता िवषय पर प्रवचन के दौरान कही। उन्होने कहा िक अणुव्रत, बारहव्रत की उपयोिगता है तो महावीर की भी उपयोिगता है। कोई भी व्यक्ति अणुव्रत की आचार संिहता को स्वीकार कर सकता है।
आचाय्ने िदी म चलती बस म मेिडकल छाा के साथ हए सामूिहक दुकम क घटना को िनदंनीय बताते हए कहा िक वदार संतोष के अभाव होने पर सामूिहक दुकम जैसी घटनाएं होती है। यि ारा असंयम ारा मिहला शि क अवमानना कर दी जाती है। वदार संतोष होने से ऎसी घटनाएं नह घटती। समाज क सुयवथा क ि से वदार संतोषत, वपित संतोष त बड़ा उपयोगी है।
आचाय ने कहा िक अयाम क ि से भगवान महावीर से बढ़कर इस दुिनया म कोई नह हआ है। दुिनया का सौभाय है िक यदा कदा से महापुष पैदा होते रहते ह जो पथदशन देते ह और उनका पथ दशन लबे काल तक काम आता है। मंी मुिन सुमेरमल ने कहा िक कालदश भगवान महावीर ने जो एकता, याग का संदेश िदया, वह हमेशा के लए उपयोगी है।हस्हीनौतिवीर