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बाड़मेर। जो व्यक्ति अहिंसा की आराधना करता है वह कल्याण को प्राप्त हो जाता है। यह बात आचार्य महाश्रमण ने गुरूवार को बाड़मेर प्रवेश के बाद हुए अभिनंदन समारोह में कही। उन्होंने कहा कि साधु का जीवन अहिंसामय होता है और होना चाहिए। गृहस्थ का जीवन भी अहिंसामय होना चाहिए।
आचार्य ने आराम्मजा व संकल्पजा हिंसा पर कहा कि खेती में रासायनिक द्रव्यों के कारण रसोईघर में आदि में हिंसा होती है। ये जीवन की आवश्यक पूर्ति के लिए होने वाली आरम्जा हिंसा है। बिना अपेक्षा, लोभवश आवेशवश होने वाली हिंसा संकल्पजा हिंसा है। गृहस्थ को ऎसी अनावश्यक व संकल्पजा हिंसा से बचने का प्रयास करना चाहिए। आचार्य ने कहा कि राजनीति में जितना नैतिक मूल्यों का प्रभुत्व रहता है उतनी ही सेवा अच्छी हो सकती है।
कार्यक्रम में बाड़मेर सांसद हरीश चौधरी ने आचार्य का अभिनन्दन करते हुए कहा कि आचार्य के दिखाए रास्ते पर चलने से वर्तमान समस्याओं का समाधान हो सकता है। इस दौरान