ShortNews in English
Barmer: 27.12.2012
Acharya Mahashraman while addressing press conference at Barmer told addiction is harmful for body and also for life. He told addiction free life is like life of heaven. he cautioned students to be extra careful in choosing friends.
News in Hindi
ेबाड़मेर। २७/१२/१२.(द्रावा-संजय मेहता)
आचार्य महाश्रमण ने कहा कि नशा करना शरीर के लिए हानिकारक है। नशा किसी भी व्यक्ति को जीवन भर के लिए बांध देता है। अगर आदमी नशा छोड़कर व्यक्ति से व्यवहार बनाए तो उसे स्वर्ग में जगह मिलती है। आचार्य महाश्रमण थार नगरी बाड़मेर के प्रवास के प्रथम दिन गोलेछा ग्राउंड में पत्रकार वार्ता में गुरूवार को बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि व्यक्ति अगर जीवन भर नशा करता है तो उसका जीवन नरक बन जाता है। वहीं अगर वह बिना नशे के रहता है तो उसका जीवन स्वर्ग के समान बन जाता है। आचार्य महाश्रमण ने ज्ञान की आराधना को बडी साधना के रुप में परिभाषित करते हुए विद्यार्थियों से आहृान किया कि वे ज्ञान का अर्जन करने के साथ-साथ चरित्र के निर्माण की ओर भी समुचित ध्यान आकृष्ट करें। ज्ञान पूरा और जीवन में चरित्र का समावेश पूरा नहीं तो सर्वागीण विकास भी ठहर जाता है। व्यवहार और विचार अच्छे होने चाहिए। बुद्धि अच्छी है, पर बुद्धि में भी शुद्धि होनी चाहिए। संस्कृत ग्रंथों में शुद्ध बुद्धि को कामधेनु की संज्ञा दी गई है। आचार्य ने यह उद्गार शनिवार को यहां तेरापंथ समवसरण में चातुर्मास प्रवचन के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि मनुष्य अपनी इंन्द्रियों पर नियंत्रण कर लेता है तो वह विकास के पथ पर अग्रसर हो जाता है। अगर इंन्द्रियां उसके वश में नहीं रहती है तो वह पतन की ओर चला जाता है। यह उसकी प्रतिष्ठा को समाप्त कर देती है। तपस्या की नीति को समाप्त करके यह विवेक के विकास को विराम देती है। इसलिए इस पर नियंत्रण अत्यंत आवश्यक है। विद्यार्थी वर्ग अपने जीवन में इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि वह कभी भी कुसंगत वाले संगी-साथियों के साथ मेलजोल न बढाएं। इसके परिणाम स्वयं के लिए घातक साबित हो सकते है। साथियों से अच्छी संगति मिलेगी तो उसके फल भी अच्छे आएंगे। जीवन में व्यसन, बुराईयों का आगमन नहीं होगा। कॉलेज जीवन में खराब संस्कार आने की संभावना जताते हुए आचार्य ने प्रवचन स्थल पर उपस्थित विद्यार्थियों से जीवन में कभी भी नशा नहीं करने, शराब का सेवन नहीं करने और मांसाहार का सेवन नहीं करने का संकल्प दिलाया।
दिल्ली गेंग रेप की भत्सर्ना
उन्होंने दिल्ली गेंग रेप पर कहा की यह मनुष्य के नीचा परवर्ती का उदाहरण हें,उन्होंने कहा की टी वी संस्कृति का दुष्प्रभाव समाज पर पद रहा हें,उन्होंने बलात्कार जैसे प्रकरणों