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Falsund: 10.12.2012
Acharya Mahashraman Reached Falsund and Given Grand Welcome.
News in Hindi
अहिंसा यात्रा के फलसूंड पहुंचने पर किया भावभीना स्वागत
हजारों की संख्या में उमड़े लोग, आचार्य ने कहा: मानव की सेवा करें
फलसूंड 10 दिसम्बर 2012 जैन न्यूज ब्योरो
आचार्य महाश्रमण के नेतृत्व में निकाली गई अहिंसा यात्रा के कस्बे में पहुंचने पर कस्बेवासियों ने उनका स्वागत किया। रविवार सुबह कस्बे में पहुंची अहिंसा यात्रा में फलसूंड के आसपास के गांवों के लोगों के साथ साथ जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बायतू, बालोतरा, पाली, पोकरण सहित कई शहरों से हजारों की संख्या में लोग शामिल थे।
यात्रा को संबोधित करते आचार्य महाश्रमण ने कहा कि लोग पत्थरों में ईश्वर ढूंढते हैं लेकिन ईश्वर तो मानव के स्वयं के अंदर है। उन्होंने नर सेवा नारायण सेवा का संदेश देते हुए कहा कि मानव की सेवा से बढ़कर दुनिया में और कोई सेवा नहीं है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए। उन्होंने बताया कि बदलते परिवेश के साथ ही मनुष्य की आदतों में भी काफी परिवर्तन आया है। जैसे जैसे युग बदलता जाता है मनुष्य अनाचार, झूठ तथा कपटी होता जा रहा है। आचार्य के प्रवचनों को सुनने के लिए हजारों की संख्या में जनसैलाब उमड़ पड़ा। यात्रा के कस्बे में पहुंचने पर आचार्य महाश्रमण प्रवास व्यवस्था समिति के साथ साथ जैन श्वेतांबर तेरापंथी समाज, तेरापंथी युवक मंडल, तेरापंथी महिला मंडल, तेरापंथी कन्या मंडल के साथ ही कई लोगों ने उनका स्वागत किया।