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Jasol: 01.12.2012
Acharya Mahashraman inspired people to stay alert every moment. He told people to try to purify soul by Sadhana. He further told if anyone get Samyaktva that is meaningful achievement of life.
News in Hindi
त्याग व अप्रमाद की भावना का विकास हो: आचार्य महाश्रमण
शनिवार को करेंगे तिलवाड़ा के लिए विहार (प्रस्तुति-संजय मेहता)
अगर व्यक्ति ने अपने जीवन में सम्यक की साधना नहीं की तो समझो कुछ नहीं किया। जिस व्यक्ति में सम्यक आ गया तो समझो उसने अपने जीवन में बहुत बड़ी उपलब्धि प्राप्त कर ली है। हर श्रावक-श्राविका को अपने जीवन में जागरुकता रखते हुए त्याग व अप्रमाद की भावना का विकास करना चाहिए ताकि उनकी आत्मा निर्मल बन सके। ये बात आचार्य महाश्रमण ने शुक्रवार को जसोल के जैन पारस भवन सेवा समिति की ओर से आयोजित अभिवंदना कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि अगर व्यक्ति व्यसनों का त्याग करता है तो समझना चाहिए, वह समय की साधना में आगे बढ़ रहा है, क्योंकि नशे के साथ आसक्ति का त्याग होता है। संयम की साधना में व्यक्ति के आंखों, कानों, हाथों, भाषा एवं शरीर के अन्य अवयवों को आवश्यकता अनुसार नियंत्रित किया जाता है। जैन पारस भवन सेवा समिति के संरक्षक शंकरलाल ढेलडिय़ा ने स्वागत भाषण देते हुए पारस भवन के इतिहास के बारे में अवगत कराया एवं 121वां मर्यादा महोत्सव भी पारस भवन में ही आयोजित होने की जानकारी दी। धर्मसभा में मुनि जिनेशकुमार व मुनि पृथ्वीराज ने भी जसोल का ऐतिहासिक चातुर्मास सफल होने पर हर्ष व्यक्त किया। मुनि विश्रुतकुमार ने गीतिका प्रस्तुत कर गुरुदेव से अर्ज किया कि यह 2012 का चातुर्मास तो आचार्य महाप्रज्ञ की घोषणा अनुसार किया गया और आचार्य महाश्रमण के स्वयं का चातुर्मास तो जसोल के लिए अभी बाकी है। इससे पूर्व आचार्य महाश्रमण एवं उनकी धवल वाहिनी नाकोडा़ के शांति भवन से सवेरे 7.15 बजे जसोल के लिए विहार किया। रास्ते में ज्ञानशाला में आयोजित कार्यक्रम में ज्ञानार्थियों को आचार्य ने संबल प्रदान किया। इस मौके पर ज्ञानशाला के पदाधिकारियों ने अभिवंदन किया। रास्ते में पारसधाम, प्रकाश कुमार प्रेणित कुमार नाहटा फार्म हाउस, मांगीलाल नेमीचंद संकलेचा फार्म हाउस, आदर्श विद्या मन्दिर एवं सांवलराम सेजू के नए आवास पर पावन पगलिये किए। कुमारपाल संकलेचा ने आचार्य की अभिवंदना की। सुरेशकुमार डोसी ने भी गीतिका का संगान किया। इस अवसर पर आचार्य ने जसोल एवं अन्य क्षेत्रों के कई श्रावक-श्राविकाओं को श्रद्धानिष्ठ श्रावक एवं श्रद्घा की प्रतिमूर्ति श्राविका अलंकरण से संबोधित किया। जैन पारस सेवा समिति के अध्यक्ष मूलचंद सालेचा ने आभार प्रकट किया। दिन में मुनि रजनीशकुमार आदी ठाणा 3 के लिए बायतु के लिए प्रस्थान किया एवं शनिवार को मुनि विमलकुमार तारानगर आदी ठाणा 5 ने बालोतरा के लिए प्रस्थान किया।
सवेरे ठीक 7.15 बजे पारस भवन से अणुव्रत अधिशास्ता आचार्य महाश्रमण अपनी धवल वाहिनी के साथ तिलवाड़ा के लिए प्रस्थान करेंगे।