ShortNews in English
Jasol: 28.10.2012
Acharya Mahashraman said that everyone should walk on way of truth. Truth led us to destination as it is like highway.
News in Hindi
सत्य का मार्ग गंतव्य तक ले जाने वाला: आचार्य महाश्रमण
जसोल(बालोतरा) २८ अक्तूबर २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरों
तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने व्यक्ति को सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हुए कहा कि व्यक्ति ध्यान दे कि वह जिस पथ पर चल रहा है वह पथ समतल यानि सत्य का है या नहीं। सत्य का रास्ता गंतव्य तक ले जाने वाला होता है। उन्होंने कहा कि अहिंसा, पवित्र, प्रेम व मैत्री का मार्ग समतल व अच्छा मार्ग है और साधु जीवन बहुत ही समतल रास्ता है। साधना में सभी साधुओं को जागरूक रहना जरुरी है। साधु भी ध्यान रखें कि उनका रास्ता ऊबड़-खाबड़ यानि कि विषम मार्ग तो नहीं है।
आचार्य ने सेवा के महात्म्य को बताते हुए कहा कि सेवा करना भी कोई कम धर्म नहीं है। सेवा का मौका नहीं होने पर पढ़ाई, स्वाध्याय, ध्यान सब गौण है। साधक सोचे कि मेरे अंदर ख्याति की भावना न आए। उसका मन तो साधना में ही रमा रहे। साधु के नाम की भावना न होना कषाय मंदता की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। आचार्य ने कहा कि तेरापंथ शासन की मर्यादा है कि सभी साधु-साध्वियां एक आचार्य की आज्ञा में चले। कार्यक्रम में साध्वी विधिप्रभाजी व साध्वी हिमांशु प्रभा ने लेख पत्र का वाचन किया। आचार्य ने दो-दो कल्याणक बक्शीश में दिया। बाद में सभी साधु-साध्वियों ने पंक्तिबद्ध होकर लेख पत्र का सामूहिक रूप से वाचन किया। दिल्ली से समागत ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं ने जय-जय गुरुवरम, जय-जय आर्यवरम गीत का संगान किया।
ज्ञानशाला संयोजक रतनलाल जैन ने अपने विचार व्यक्त किए। पूर्णिया, भट्टा, मधुबनी से समागत संघ की ओर से सभा व महिला मंडल ने गुरु चरणां में आया गीत का संगान किया। साध्वी आरोग्य श्री ने अपने विचार व्यक्त किए। विराटनगर से समागत संघ की ओर से अध्यक्ष विजयराज डागा ने भावाभिव्यक्ति दी।
मांगीलाल पालगोता की धर्मपत्नी स्व. सुंदरदेवी पालगोता का संलेखना में मृत्यु वरण करने पर समणी अक्षय प्रभा ने विचार व्यक्त किए। समणी अक्षय प्रज्ञा व समणी पावनप्रज्ञा इनकी पुत्रियां है और समणी प्रणवप्रज्ञा इनकी दोहती है। कार्यक्रम का संचालन मुनि हिमांशु कुमार ने किया।