ShortNews in English
Jasol: 21.10.2012
Acharya Mahashraman said that final aim of Sadhana is to get Moksha. Many souls are taking birth again and again in world. Once a soul gets Moksha it stops to take round of worldly life. Gyan, Darshan, Charitra and Tap are four ways which led us towards Moksha. Ankita Sethia from Aurangabad was given permission to join Parmarthik Shikshan Samstha on her request.
News in Hindi
साधना का परम लक्ष्य मोक्ष: आचार्य
जसोल (बालोतरा) २१ अक्तूबर २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
अध्यात्म की साधना का परम लक्ष्य मोक्ष को प्राप्त करना है। हमारी आत्मा अनंत काल से संसार में भ्रमण कर रही है। कुछ आत्माएं ऐसी भी हैं जो हमेशा भ्रमण ही करती रही है और कुछ आत्माएं ऐसी है जो भ्रमण का अंत भी प्राप्त कर लेती है। भ्रमण का अंत प्राप्त करने वाली आत्मा सिद्धत्व को प्राप्त कर लेती हंै। वह सिद्धत्व को, मोक्ष को प्राप्त करने की प्रेरणा देने वाला मंगल पाथेय तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने शनिवार को धर्मसभा को संबोधित करते हुए प्रदान किया। उन्होंने कहा कि संसारी जीव जन्म मृत्यु के चक्र में भ्रमण करते हैं और जो संसारी जीव साधना द्वारा मुक्ति को प्राप्त हो जाते हैं वे सिद्ध बन जाते हैं और सिद्ध बनने के बाद पुन: जन्म मरण नहीं करते। आचार्य ने कहा कि सिद्ध बनने की ओर ले जाने वाला मार्ग, ज्ञान, दर्शन, चारित्र व तप है। ज्ञान व आचार के योग से मोक्ष हो सकता है। ज्ञानशुन्य आचार का महत्व ज्यादा नहीं है। सम्यक ज्ञान के बिना आचार भी कल्याणकारी नहीं होता। आचार्य ने कहा कि वैदुष्य वाले ज्ञान की तुलना में आचार का ज्यादा महत्व है। कार्यक्रम में अंकिता सेठिया (औरंगाबाद) की अर्ज पर आचार्य ने उसे पारमार्थिक शिक्षण संस्थान में प्रवेश की आज्ञा दी। सिंधनूर से गौतम बंब ने अपनी भावोभिव्यक्ति दी।