Ladnun: 16.09.2012
Muni Dhananjay Kumar told that Gita give message of non-attachment. We need to implement this message in life. In fact we can solve all problems by applying this great message of Gita.
अनासक्ति का संदेश देती है गीता - मुनि श्री धनंजय
लाडनूं. १६ सितम्बर २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
मुरली मनोहर धाम में भागवत कथा के दौरान समागत तेरापंथ के मुनि धनंजय ने प्रवचन करते हुए कहा कि हम गीता को सिर्फ सुनते है लेकिन उस पर मनन नहींं करते। गीता से बढ़कर कोई ग्रंथ नही है, क्योंकि गीता में जो अनासक्ति का संदेश दिया गया है, उसमें जीवन की समस्त समस्याओं का समाधान है।
मुनि ने कृष्ण को प्रेम और शांति का दूत बताते हुए जैन दर्शन व सनातन संस्कृति की समानताओं को श्रद्धालुओं के समक्ष रखा। व्यास पीठाधीश्वर महंत गौतमदत्त शास्त्री ने प्रवचन के दौरान कृष्ण सुदामा की मित्रता व कृष्ण द्वारा धर्म की रक्षा के लिए उठाए गए सुदर्शन की कथा का वृतांत सुनाया। महामाया मठ नवलगढ़ के पीठाधीश्वर सांवलदासजी महाराज ने महालक्ष्मी के साथ गृहलक्ष्मी के सम्मान की बात कही तथा नारी शक्ति की समृद्धि पर बल दिया। महावीरसिंह, पिंटू जेतमाल, रणजीतसिंह आदि ने अतिथियों का स्वागत किया।