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विनम्र भाव से बोला मिच्छामी दुक्कड़म
राजसमंद २३ अगस्त २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
पर्युषण पर्व के तहत आठ दिनों तक तप आराधना के बाद बुधवार को जैन समाज की ओर से क्षमापना पर्व मनाया गया। इस मौके पर लोगों ने सालभर में जाने अनजाने में हुई हुई गलतियों के लिए मिच्छामी दुक्कड़म बोलकर एक दूसरे से क्षमा मांगी। कई लोगों ने मोबाइल से मैसेज भेजकर क्षमा मांगी। इस अवसर पर कांकरोली में प्रज्ञा विहार, भिक्षु बोधि स्थल सहित स्थानकों पर विविध आयोजन हुए।
प्रज्ञा विहार में आयोजित क्षमा याचना पर्व के तहत मुनि ताराचंद व मुनि सुमति कुमार के सान्निध्य में क्षमापना दिवस मनाया गया। इस दौरान मुनि ताराचंद ने धर्मसभा में कहा कि आज का दिन क्षमायाचना का है। वर्ष भर में किसी व्यक्ति विशेष से अनबन हुई तो सरल हृदय से क्षमाचाचना करनी चाहिए। क्षमा कायरों का नहीं वीरों का आभूषण है।
मुनि सुमति कुमार ने उपस्थित जनसमुदाय से कहा कि क्षमायाचना करने से व्यक्ति प्रसन्नता का अनुभव करता है। प्रसन्न व्यक्ति सभी जीवों के प्रति मैत्रीभाव स्थापित कर लेता है। जो व्यक्ति अपने जीवन में क्षमा धर्म की आराधना कर लेता है वह अपने जीवन को सरल निर्मल व पवित्र बना लेता है। मुनि आदित्य कुमार ने कहा क्षमा देने वाला महान होता है। इस अवसर पर तेरापंथ महिला मंडल कांकरोली, राजनगर व धोइंदा के धर्मावङ्क्षबयों ने इस आयोजन में हिस्सा लिया।
तेरापंथ सभा के अध्यक्ष मिश्रीलाल बोहरा, धर्मेंश डांगी, भंवरलाल वागरेचा, महेंद्र कर्णावट, मेवाड़ कांफ्रेस के अध्यक्ष वसंतीलाल बाबेल, महेंद्र कोठारी, भिक्षु बोधि स्थल के अध्यक्ष सुरेश कावडिय़ा, डॉ. विमल कावडिय़ा, तेरापंथ युवा परिषद के मंत्री धरनेंद्र मेहता, राजनगर अध्यक्ष हिम्म्म्मत मेहता, केसर बापना आदि ने क्षमापना पर्व की महत्ता बताई। इस कार्यक्रम का संयोजन तेरापंथ सभा के मंत्री प्रमोद सोनी ने किया।