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भिक्षु बोधि स्थल २३ अगस्त २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरोक्षमापना पर्व पर भिक्षु बोधि स्थल पर विविध आयोजन हुए। यहां पर आचार्य महाश्रमण के शिष्य जतन कुमार लाडनंू और आनंद कुमार कालू के सान्निध्य में क्षमायाचना दिवस का मनाया गया। जतन कुमार ने कहा कि प्रेम से मिलजुल सीखें, मैत्री मंत्र महान...क्षमा दिवस पर गीत प्रस्तुत किया। उन्होंने क्षमा का महत्व बताते हुए कहा कि क्षमा का अभ्यास साधक के लिए श्रेष्ठकर है। क्रोध एक प्रकार का कषाय व नशा है। गुस्सा उसे आता है जो सहन नहीं कर सकता है। क्षमा करने से हमारे मन का भार घटता है। क्षमा मन की सरलता का दर्शन है जो केवल छिपाने के लिए क्षमा का सहारा लेते हैं वो क्षमा नहीं केवल मुखौटा है। मुनि आनंद कुमार ने कहा कि क्षमा से घर स्वर्ग बन जाता है। क्षमा के बिना घर नरक में परिवर्तित हो जाता है। राग, द्वेष का कारण अंतकरण में क्षमा के भाव का अभाव है। उन्होंने कहा कि आने वाले पर्युषण पर्व तक हम ऐसा प्रयास करें कि हम ऐसे व्यक्ति को किसी के दिल पर घाव न हो। हम ऐया प्रयास करें कि किसी के मन में ईष्या न हो। क्षमा याचना तो हमें उनसे करनी चाहिए जिन्हें हमारे द्वारा किसी प्रकार की पीड़ा पहुंचाई गई हो।
इस अवसर पर भिक्षु बोधि स्थल के अध्यक्ष सुरेश कावडिया, मंत्री अशोक डूंगरवाल, कार्यध्यक्ष रमेश चपलोत, अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की सदस्य मंजू बड़ाला, रमेश माण्डोत आदि श्रावक श्राविकाओं क्षमा याचना पर्व मनाया।