News in Hindi
पर्यूषण में करें आध्यात्मिक साधना'
जसोल १५ अगस्त २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
पर्यूषण पर्व पर सामूहिक आराधना की जाती है। इन दिनों अध्यात्म मय माहौल देखने को मिलता है। इन दिनों में आध्यात्म पर प्रवचन, अध्यात्म का शिक्षण व अध्यात्म की साधना की प्रेरणा दी जाती है। यह बात पर्यूषण महापर्व के शुभारंभ पर आचार्य महाश्रमण ने कही। उन्होंने भगवान महावीर का स्मरण करते हुए कहा कि इस दुनिया में एक ऐसी पुनीत आत्मा ने जन्म लिया, जिसने अपनी साधना से आत्मा को बहुगुणित किया और आत्मा को परमात्मा बनाया। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर ने तप तपा, साधना की, कैवल्य ज्ञान प्राप्त किया, धर्मोपदेश दिया व एक दिन सिद्धात्मा बन गए। उनके पिछले जन्मों की साधना भी पृष्ठभूमि में रही है। उनका पिछला जन्म भी ज्ञातव्य, ध्यातव्य, श्रोतव्य व अनुकरणत्व है। संघ महा निदेशका साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा ने पर्यूषण महापर्व को उल्लास वाला पर्व बताते हुए कहा कि पर्यूषण पर्व जैन धर्म का महान पर्व है। यह एक आध्यात्मिक पर्व है, जिससे मानसिक प्रसन्नता होती है।
मंत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि पर्यूषण महापर्व उपासना की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। इन दिनों व्यक्ति आंतरिक वृतियों को शांत व बाहरी वृतियों को कम करता है। कार्यक्रम के प्रारंभ में साध्वी मुकूलयशा ने 'आत्मदर्शन का सुनहरा पर्व आया है' गीत से मंगलाचरण किया।
मुनि मदनकुमार ने पर्यूषण पर्व पर क्षमा का महत्व बताते हुए व्यक्ति को क्षमाशील बनने की प्रेरणा दी। साध्वी मार्दवयशा ने खाद्य संयम जीवन आधार गीत प्रस्तुत कर खाद्य संयम की महत्ता पर प्रकाश डाला। साध्वी सरस्वती ने खाद्य संयम दिवस पर विचार प्रस्तुत किए।
आज का विशेष कार्यक्रम: पर्यूषण पर्व के अंतर्गत आज 'स्वाध्याय दिवस' मनाया जाएगा। इसके साथ दिनभर निर्धारित कार्यक्रम आयोजित होंगे।