07.08.2012 ►Jasol ►Soul is Eternal and Body is Not Eternal► Acharya Mahashraman

Published: 08.08.2012
Updated: 21.07.2015

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Jasol: 07.08.2012

Acharya Mahashraman said that soul is eternal and permanent. Soul can change body as body is not eternal. Soul can leave body for ever and that is Moksha.

News in Hindi

आत्मा स्थायी पर शरीर अस्थायी: आचार्य श्री
जसोल(बालोतरा) ०७अग्स्त २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो

तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने जीवन को अध्रुव बताते हुए कहा कि इस जगत में सब कुछ स्थायी और अस्थायी नहीं है। आत्मा स्थायी होती है। आत्मा कभी अनात्मा नहीं बनती है। आत्मा को न तो काटा जाता है, न ही मारा जा सकता है न ही भिगोया जा सकता है, यह अचल, सनातन व स्थायी है। परंतु जीवन स्थायी नहीं है। उन्होंने कहा कि आत्मा का शरीर से निकल जाना ही मृत्यु है और आत्मा हमेशा के लिए शरीर को छोड़ दे तो वह मोक्ष है। आचार्य सोमवार को जसोल में चातुर्मास धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने व्यक्ति, समाज और राष्ट्र विकास में जीवन-विज्ञान की भूमिका विषय पर कहा कि जीवन-विज्ञान की संकल्पना मूलतया शिक्षा जगत के लिए है। विद्यार्थियों को अच्छे संस्कार मिलेंगे तो अच्छे व्यक्ति का निर्माण होगा। स्वस्थ व्यक्ति से स्वस्थ समाज व स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण हो सकता है। जीवन-विज्ञान से राष्ट्र का विकास व बाल पीढ़ी का अच्छा निर्माण हो सकता है। अच्छी बाल पीढ़ी से अच्छे व्यक्ति, परिवार, समाज व राष्ट्र का निर्माण हो सकता है। उन्होंने कहा कि जीवन विज्ञान से विद्यार्थियों की एकाग्रता, स्मरण शक्ति, समझ शक्ति का विकास होता है।

उन्होंने कहा कि जीवन विज्ञान स्कूलों, कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में प्रसारित होने पर प्रभावशाली निष्पति आ सकती है। इसके साथ अच्छे प्रशिक्षक तैयार हो, जिनमें निष्ठा हो, जिससे अच्छा प्रशिक्षण दिया जा सके। मंत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि हर व्यक्ति विकास पसंद है और वह विकास करना भी चाहता है। व्यक्ति को इसलिए अपनी इच्छा का जागरण भी करना होता है। ध्वनि पर ऐसा प्रयोग है, जिससे व्यक्ति में शक्ति का जागरण हो सकता है। ध्वनि का अभ्यास विधि-पूर्वक होना चाहिए। व्यक्ति विधि को सीखें व प्रयोग करें और अपनी धार्मिक चर्या को व्यवस्थित चलाने में स्वयं समक्ष बने। कार्यक्रम में विरार(महाराष्ट्र) से समागत 95 व्यक्तियों के संघ की ओर से मदन फूलफगर, तेजराज हिरण, मदन धाकड़ ने 'वंदन करे हम वंदन' गीत प्रस्तुत किया। शांति देवी भंवरलाल गोलेच्छा के मासखमण तप पर उनके परिवार की बहनों ने गीत व शैजल बाघमार ने वक्तव्य दिया। तेयुप के सहमंत्री कुमारपाल संकलेचा ने अणुव्रत न्यास के कार्यक्रम की जानकारी दी।

जसोल में धर्मसभा के दौरान राष्ट्रीय संत ने बताया मोक्ष का मार्ग

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Sushil Bafana

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