ShortNews in English
Balotara: 07.08.2012
Sadhvi Laxya Prabha told that good personality can be built by positive thinking. Preksha meditation is good way for positive thinking.
News in Hindi
सकारात्मक चिंतन से व्यक्तित्व सुधारें: साध्वी श्री लक्ष्यप्रभाजी
बालोतरा ०७अग्स्त २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
व्यक्ति का लक्ष्य होता है अपने आप को पहचानना, अपने व्यक्तित्व को पहचानना। व्यक्तित्व के अनेकों मापदंड हो सकते हैं। मूलत: व्यक्तित्व दो प्रकार है- आंतरिक और बाह्य व्यक्तित्व। बाह्य व्यक्तित्व, आंतरिक व्यक्तित्व की झलक प्रस्तुत करता है। घर की सुंदर साज गृहणी के शांत एवं संतुलित व्यक्तित्व की परिचायक है और घर की अस्त-व्यस्तता, उसके व्यक्तित्व की अस्त-व्यस्तता की द्योतक है। ये विचार सोमवार को तेरापंथ युवक परिसर बालोतरा की ओर से आयोजित सप्त दिवसीय अपनी पहचान कार्यशाला के समापन के अवसर पर स्थानीय तेरापंथ सभा भवन में साध्वी श्री लक्ष्यप्रभा ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि व्यक्ति को व्यक्तित्व सुधारने के लिए सदैव सकारात्मक चिंतन को अपनाना चाहिए। प्रेक्षाध्यान, कायोत्सर्ग, मुद्रा, आसनों के प्रयोग समझाते हुए साध्वी ने कहा कि इनके नियमित अभ्यास से पर्सनेलिटी को बदला जा सकता है। इंसान गलतियों का पुतला है और अपनी कमजोरी को वह अपने नाम की तरह की पहचानता है। व्यक्ति को अपनी कमजोरी को कभी भी छुपाना नहीं अपितु उसका परिष्कार करना चाहिए। साध्वी मीमांसा ने गीतिका प्रस्तुत की। साध्वी वसुधा ने विचार व्यक्त किए। वहीं साध्वी लक्ष्यप्रभा ने साध्वी सविता की ओर से की जाने वाली आगामी सप्त दिवसीय कार्यशाला अतीत का दर्पण भविष्य की झलक की जानकारी दी। कार्यशाला में संभागी बने करीब 200 व्यक्तियों से 10-10 के पांच ग्रुप बनाकर उन्हें तात्कालिक विषय दिया गया। इन ग्रुपों से एक-एक व्यक्ति ने अपने विषयों की प्रस्तुति दी। तेयुप मंत्री नीलेश सालेचा ने बताया कि श्रेष्ठा देवी चौपड़ा (अरिहंत ग्रुप), द्वितीय मीनादेवी ओस्तवाल (उपाध्यक्ष ग्रुप) एवं स्वरुपचंद दांती (आचार्य ग्रुप) ने तीसरा स्थान हासिल किया। निर्णायक की भूमिका गौतम वेद व दिलीप छाजेड़ ने निभाई। तेयुप अध्यक्ष एवं कार्यशाला प्रायोजक राजेश बाफना ने विजेताओं को पुरस्कृत किया। कार्यशाला में प्रतिदिन उपस्थिति के एवं प्रश्नों के सही समाधान देने वाले 3-3 संभागियों को भी पुरस्कृत किया गया।
'अपनी पहचान' कार्यशाला का समारोहपूर्वक समापन