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Jasol: 01.08.2012
Acharya Mahashraman said about power of speech. Control over speech is necessary. New sadhvi group read out Lekhpatra on Hajri day.
News in Hindi
भाषा का विवेक आवश्यक: आचार्य
जसोल(बालोतरा) जैन तेरापंथ न्यूज ०१ अगस्त २०१२
शब्द के अर्थ का महात्म्य बताते हुए आचार्य महाश्रमण ने कहा कि केवल शब्द का कोई महत्व नहीं होता। शब्द का अर्थ बोध होने पर ही उसका महत्व होता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति में भाषा का विवेक होना चाहिए। बोलना या नहीं बोलना बड़ी बात नहीं है। बड़ी बात भाषा का विवेक रखना है। भाषा का विवेक रखने से संयम पुष्ट होता है। इसलिए व्यक्ति शिष्ट, शालीन तरीके से बात कहें। आचार्य ने इसके साथ अर्हत वंदना में उच्चारण करने की प्रेरणा देते हुए कहा कि इससे मन एकाग्र हो सकता है। स्वयं के बोलने में असमर्थ होने पर दूसरों के द्वारा श्रवण करने पर भी प्रतिक्रमण हो सकता है। आचार्य ने कहा कि सांयकालीन त्याग दिन के 10 मिनट पहले ही कर लेने चाहिए। कोर लगने से पहले त्याग करने पर उसका भी अतिरिक्त लाभ मिल सकेगा। आचार्य ने कहा कि शिष्य सदैव गुरु कृपा को ध्यान में रखें। वह गुरु की प्रसन्नता का प्रयास करें।
हाजरी का वाचन: शुक्ल त्रयोदशी के मौके पर हाजरी का वाचन हुआ। नवदीक्षिता साध्वियों में साध्वी हेमप्रभा, साध्वी प्रबुद्धयशा, साध्वी विधिप्रभा, साध्वी वद्र्धमानयशा, साध्वी संबोधयशा व साध्वी हिमांशु प्रभा ने लेख पत्र का वाचन किया। आचार्य ने इन छह साध्वियों को 11-11 कल्याणक की बक्शीश दी। इसके बाद सभी साधु-साध्वियों की ओर से हाजरी वाचन के बाद लेख पत्र का वाचन किया गया।
कर्मवाद कार्यशाला आज से: आचार्य महाश्रमण की सन्निधि में कर्मवाद कार्यशाला का आयोजन बुधवार से शुरू होगा। योगेश सालेचा ने बताया कि कार्यशाला में संतो की ओर से प्रशिक्षण दिया जाएगा। कार्यशाला रात 8.30 बजे शुरू होगी।
आशीर्वाद लिया: सामाजिक कार्यकर्ता रणवीरसिंह भादू ने मंगलवार को जसोल में चातुर्मास प्रवास के दौरान आचार्य महाश्रमण से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया। भादू ने आचार्य से सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों के बारे में चर्चा की।