ShortNews in English
Jasol: 29.07.2012
Acharya Mahashraman while addressing representatives of Sabha told to become Shrawak. To become Shrawak is very important and matter of proud.
News in Hindi
श्रावक होना गौरव की बात: आचार्य
जसोल (बालोतरा) जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
आचार्य महाश्रमण ने साधु-साध्वियों के साथ श्रावक-श्राविकाओं को भी महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि श्रावक होना गौरव की बात है। श्रावक भी एक पदवी है। उन्होंने कहा कि श्रावक में श्रद्धा, विवेक, त्याग-प्रत्याख्यान के गुण होने चाहिए। श्रावक में अपने आराध्य, धर्म व गुरु के प्रति श्रद्धा होनी चाहिए। आचार्य ने कहा कि हमारे धर्मसंघ में शासन का बड़ा महत्व है। व्यक्ति को संघ हित के लिए व्यक्तिगत हित को भी गौण कर देना चाहिए। आचार्य ने महासभा की ओर से आयोजित प्रतिनिधि सम्मेलन में समागत प्रतिनिधियों की ओर इंगित करते हुए कहा कि महासभा तेरापंथ समाज की मां-तुल्य महत्वपूर्ण, सिरमौर व जागरूक संस्था है। समाज की अनेक गतिविधियां इससे ही संचालित होती है। तेरापंथ सभाएं साधु-साध्वियों के ज्यादा निकट है। इसलिए इसके पदाधिकारियों में भी श्रावकत्व रहना चाहिए। मंत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि श्रावक का जीवन श्रद्धा के साथ विवेकपूर्ण जीने का क्रम है। श्रावक श्रद्धा के साथ पूर्ण रूप से आस्थावान हो। श्रावक अपने नियम, संस्कृति व धार्मिक सभ्यता को आगे रखें। श्रावक ऐसा उपक्रम करें, जिससे धर्मसंघ की गरिमा बढ़े। कार्यक्रम की शुरूआत में मुनि विजयकुमार की ओर से इस संघ को वंदन करे गीत प्रस्तुत किया गया। कमल बैद ने ओ महाश्रमण भगवान मुझको भी पनाह देना गीत प्रस्तुत किया।
कैसेट का लोकार्पण
जसोल (बालोतरा) जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
'भीखणजी रो नाम आठूं याम ध्यावां' सीडी, जिसमें गणाधिपति आचार्य तुलसी की ओर से रचित गीतों का संग्रह है, उसका गायक संदीप बरडिया व शासन सेवी विमल नाहटा ने आचार्य की सन्निधि में लोकार्पण किया। संदीप ने इस मौके पर स्वामी भीखणी रो नाम आठूं याम ध्यावां गीत की प्रस्तुति दी।
दीक्षा महोत्सव की घोषणा
जसोल (बालोतरा) जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
टापरा के श्रावक समाज की ओर से आचार्य के टापरा पदार्पण अवसर पर दीक्षा महोत्सव बनाने की अर्ज को स्वीकार करते हुए बसंत पंचमी को टापरा में दीक्षा महोत्सव करने की घोषणा की।