ShortNews in English
Jasol: 29.07.2012
Acharya Mahashraman while addressing to teachers said that education has important role in life. Jeevan Vigyan is Art of Living. Function was organized by Anuvrata Committee. Theme of discussion was Field of Education and Anuvrata. Acharya Mahashraman said that teachers can give good Sanskar to children.
News in Hindi
शिक्षा से दूर होगा अज्ञान का अंधकार
जसोल (बालोतरा) जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
आदमी के जीवन में शिक्षा का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। अज्ञान एक अभिशाप कष्ट व बड़ा पाप है। अज्ञान के कारण आदमी अपने हित व अहित को भी नहीं जान पाता। शिक्षा से अज्ञान के अंधकार को दूर किया जा सकता है। यह बात आचार्य महाश्रमण ने अणुव्रत समिति की ओर से आयोजित प्रधानाचार्य वाक्पीठ में 'शिक्षा जगत और अणुव्रत' विषय पर विचार व्यक्त करते हुए कही। उन्होंने गुरु की परिभाषा बताते हुए कहा कि गुरु वह होता है जो अज्ञान रूपी अंधकार का निरोध करता है। आचार्य ने अभिभावकों की ओर से स्कूलों में की जाने वाली अपेक्षाओं को पूरा कर देने वाले संस्थान को सफल बताते हुए कहा कि बच्चे में ज्ञान विकास के साथ अच्छे संस्कारों का निर्माण भी जरूरी है। जीवन विज्ञान जीने की कला सिखाने का माध्यम है। आचार्य ने कहा कि विद्यार्थियों में बौद्धिक, शारीरिक व विकास के साथ मानसिक व भावात्मक विकास भी होना जरूरी है। विद्यार्थियों में मैत्री, त्याग, नैतिकता, नशामुक्ति की भावना पुष्ट हो। शिक्षकों में भी वैसे ही संस्कार पुष्ट होने चाहिए। शिक्षक अपने जीवन की पोथी से विद्यार्थियों को पढ़ाएं। अच्छे विद्यार्थियों का निर्माण होने से भारत का भविष्य भी उज्जवल हो सकेगा। कार्यक्रम में जिला शिक्षाधिकारी गोरधनलाल पंजाबी ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में प्राथमिक जिला शिक्षा अधिकारी पृथ्वीराज दवे ने आभार ज्ञापित किया। संगोष्ठी में प्रो. मुनि महेन्द्र कुमार ने शिक्षा में नैतिकता, मुनि उदित कुमार ने अणुव्रत जीवन शैली, मुनि जम्बू कुमार ने अणुव्रत आचार संहिता, मुनि किशनलाल ने जीवन विज्ञान पर विचार रखें।
बजरंग जैन, क्षेत्रीय प्रभारी ओम बांठिया, राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूलाल, प्रदेश कार्याध्यक्ष भूपतराज कोठारी, वाक्पीठ अध्यक्ष पुखराज एवं सचिव महेन्द्र कुमार दवे ने भी विचार व्यक्त किए। वाक्पीठ में अणुव्रत के संकल्प पत्र भर अणुव्रत जीवन जीने का संकल्प लिया गया।