ShortNews in English
Jasol: 10.07.2012
Acharya Mahashraman said that main aim of spirituality is to get Moksha.
News in Hindi
स्वयं द्वारा खोजा गया सत्य ही परम'
बालोतरा। १० जुलाई २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
विज्ञान व अध्यात्म में समानता है पर कुछ असमानताएं भी है। अध्यात्म का मुख्य लक्ष्य मोक्ष को प्राप्त करना है जबकि विज्ञान का ऎसा लक्ष्य नहीं है। जसोल के तेरापंथ भवन में सोमवार को आयोजित प्रवचन सभा में तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि अध्यात्म में वीतरागता का महत्व है, जबकि विज्ञान में राग-द्वेष मुक्ति जैसी कोई बात नहीं है।
अध्यात्म में सम्यक, ज्ञान, दर्शन व आचार के आराधना की बात है पर विज्ञान में संभवतया यह नहीं है। अध्यात्म के क्षेत्र में आत्मा मुख्य तत्व है। वैज्ञानिकों द्वारा ब्रह्माण्ड की उत्पति के संदर्भ में खोजे जा रहे सत्य के बारे में कहा कि व्यक्ति दूसरों की बताई गई बातों को सुनता है, अनुभूत करता है। लेकिन स्वयं के द्वारा खोजा गया सत्य ही परम होता है।
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक अपने ढ़ंग से सत्य की खोज में पुरूषार्थ करते हैं और सच्चाई का साक्षात्कार भी कर लेते हैं। अध्यात्म के इस क्षेत्र में मनुष्य व साधक, साधना व अतिन्द्रय ज्ञान द्वारा सच्चाई का ज्ञान करते हैं। आचार्य ने वैज्ञानिकों द्वारा किए जा रहे कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि जो ज्ञान पहले अतिन्द्रय ज्ञान व आत्मा द्वारा होता था। वह आजकल यंत्रों द्वारा संभव हो गया है। विज्ञान के विकास के साथ दूर उपस्थित पदार्थ को व्यक्ति जान सकता है व सूक्ष्म पदार्थ को देख सकता है। उन्होंने भगवती सूत्रआगम के स्वाध्याय की प्रेरणा दी।
मंत्री मुनि सुमेरमल ने प्रेरणादायी अभिभाषण दिया। समणी डॉ. कुसुमप्रज्ञा ने आचार्य तुलसी का अध्यापन कौशल पुस्तक आचार्य को भेंट करते हुए विचार अभिव्यक्त किए। पर्यावरणविद् प्रभुनारायण ने भी विचार रखे। श्रेयांस बालड़ ने 9 की तपस्या का प्रत्याख्यान किया। संचालन मुनि हिमांशु कुमार ने किया। पूर्व रात्रि में आयोजित जैन विद्या कार्यशाला में मुनि जितेन्द्र कुमार ने जीव जगत विषय पर अभिभाष्ाण दिया।