13.06.2012 ►Pachpadra ►Theory of Karma is Important Principle of Theist (Astik) Thinking► Acharya Mahashraman

Published: 13.06.2012
Updated: 21.07.2015

ShortNews in English

Pachpadra: 13.06.2012

Acharya Mahashraman said that theory of karma is important in Astik thinking. Theist thinkers believe in rebirth and also in karma theory. If we do not remember anything that does not mean that thing is not in existence. Logic is important and everyone should be perfect in logic. Especially students should learn logic.

 

News in Hindi

कर्मवाद आस्तिक विचार का महत्वपूर्ण सिद्धांत: आचार्यश्री
पचपदरा १३ जून २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
आचार्य महाश्रमण ने कर्मवाद के सिद्धांत पर पचपदरा में मंगलवार को आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कर्मवाद का सिद्धांत आस्तिक विचार का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है। आस्तिक विचारधारा आत्मा पुण्य आदि तत्वों में विश्वास करती है, जबकि नास्तिक विचारधारा थोड़ा हटकर सोचती है।

आस्तिक विचारधारा आध्यात्मिक और भौतिकवादी विचारधारा है। आचार्य ने बताया कि परलोक को अस्वीकार कर देना तर्कसंगत नहीं है। व्यक्ति को अनेकों बातें याद नहीं रहती है। याद रहना या नहीं रहना कसौटी नहीं होती है। इस जन्म की भी अनेकों बाते विस्मृति के गर्त में चली जाती है। तो पूर्व जन्म की बाते विस्मृत होना असंभव नहीं है। आचार्य ने तर्क को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि तर्कविहीन व्यक्ति मूक है। शब्द कोष विहीन आदमी बहता है और जिसका साहित्य में विकास नहीं है व पंगु है। इसलिए व्यक्ति में तर्क शक्ति होनी चाहिए। तर्क से ज्ञान बढ़ता है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थी की ओर से तर्क करना उसका अधिकार है और शिक्षक को उसका समुचित समाधान देना चाहिए। आचार्य ने कहा कि विद्यार्थी के तर्क का सही जवाब न देना, झूठ मूठ का जवाब देना शिक्षक के कार्य से विमुख होना होता है। आचार्य ने तर्क की महत्ता के बारे में बताया कि विद्वता को बढ़ाने के लिए तार्किकता का होना आवश्यक है। विद्यार्थी में तार्किकता होनी चाहिए और शिक्षक को विद्यार्थी के तर्क को सहन करने व उसका समाधान करने की क्षमता होनी चाहिए। आचार्य ने तर्क में विवेक रखने की प्रेरणा देते हुए बताया कि व्यवहार व घर की बातों में ध्यान रखकर तर्क करना चाहिए। वरना समरसता में कमी आ सकती है। घर परिवार की बातों में तर्क नहीं करके समरसता बैठाने का प्रयास करना चाहिए। मंत्री मुनि सुमेरमल ने व्यक्ति को जागृत रहने की प्रेरणा देते हुए कहा कि केवल नींद से जाग जाना पर्याप्त नहीं है। व्यक्ति का अपनी वृत्तियों, भावनाओं से जाग जाना महत्वपूर्ण है। व्यक्ति भीतर के अनुत्साह, प्रमाद व आलस्य को त्यागकर निरंतर जागरूक बना रहे। उन्होंने कहा कि व्यक्ति भीतर से जागकर स्वयं की अनुभूति को देखता है तो आगे बढ़कर लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। कार्यक्रम में पचपदरा के तहसीलदार वीके व्यास ने कहा कि आचार्य के प्रवचनों से मैं बहुत प्रभावित हुआ हूं।

आचार्य के मार्गदर्शन की संपूर्ण समाज, देश व विश्व को अपेक्षा है। कार्यक्रम की शुरुआत में साध्वी संवेग ने जागो ऐ धार्मिकों संतो का बोल है गीत प्रस्तुत किया।

समणी कंचनप्रज्ञा ने जीवन की वीणा के ये तार झनझना लो गीत गाया। कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेश कुमार ने किया।

शासन श्री मुनि हर्ष

मंगलवार सवेरे आचार्य महाश्रमण ने बाड़मेर चातुर्मास में उपस्थित मुनि हर्षलाल और मुनि राजकुमार को आशीर्वाद प्रदान करते हुए मुनि हर्षलाल के बारे में बताया कि मृदुता, सेवा भावना, लिपि कौशल उत्कर्ष, शासन की सेवा करो, शासन श्री मुनि हर्ष। साथ ही उन्होंने मुनि हर्षलाल को शासन श्री से अलंकृत कर दिया। उल्लेखनीय है वो कुछ दिन पूर्व आचार्य ने मुनि राजकुमार के धुर गायकी के लिए उन्हें मधुर संगायक की उपलब्धि दी थी।

पचपदरा में आयोजित धर्मसभा में उमड़े श्रद्धालु

Sources

ShortNews in English:
Sushil Bafana

Categories

Click on categories below to activate or deactivate navigation filter.

  • Jaina Sanghas
    • Shvetambar
      • Terapanth
        • Acharya Mahashraman
          • Share this page on:
            Page glossary
            Some texts contain  footnotes  and  glossary  entries. To distinguish between them, the links have different colors.
            1. Acharya
            2. Acharya Mahashraman
            3. Karma
            4. Mahashraman
            5. Pachpadra
            6. Sushil Bafana
            7. आचार्य
            8. आचार्य महाश्रमण
            9. ज्ञान
            10. बाड़मेर
            11. मंत्री मुनि सुमेरमल
            12. मुनि दिनेश कुमार
            13. वीणा
            Page statistics
            This page has been viewed 858 times.
            © 1997-2024 HereNow4U, Version 4.56
            Home
            About
            Contact us
            Disclaimer
            Social Networking

            HN4U Deutsche Version
            Today's Counter: