ShortNews in English
Samdari: 27.05.2012
Ahimsa Yatra led by Acharya Mahashraman reached Samdari. Grand welcome was given to Acharya Mahashraman. Acharya Mahashraman inspired people to acquire knowledge.
News in Hindi
राग से विराग की तरफ बढ़ने का साधन है ज्ञान'
Sunday, 27 May 2012
समदड़ी। २७ मई २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो समदडी
आचार्य तुलसी ज्ञान की आराधना करने वाले साधक थे। जिन्होंने जीवन पर्यत ज्ञान के लिए स्वाध्याय को चुना। तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण ने यहां आयोजित प्रवचन सभा में श्रावक-श्राविकाओं को संबोघित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि ज्ञान पवित्र तत्व है। भागवद् गीता में भी कहा गया है कि ज्ञान के समान दूसरी कोई पवित्र वस्तु नहीं है। चरित्र का आधार भी ज्ञान ही है। आध्यात्मिक ज्ञान व लौकिक ज्ञान का भी अपना महत्व है।
ज्ञान से ही व्यक्ति राग से विराग की ओर बढ़ता है। तेरापंथ धर्मसंघ के अध्यक्ष मांगीलाल जीरावला ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए कहा कि महाश्रमण के प्रवेश से समदड़ी की धरा धन्य-धन्य हो गई है। महामंत्री प्रकाश जीरावला ने कृतज्ञता प्रकट करते हुए कहा कि आचार्य के सानिध्य से पूरा क्षेत्र लाभान्वित होगा। उन्होंने तेरापंथ भवन निर्माण में सहयोगी अणीराज गोलेच्छा, वेलचंद जीरावला व उद्घाटन के सहयोगकर्ता अब्बाणी परिवार तथा पांडाल के लिए जमीन उपलब्ध करवाने वाले डूंगरचंद माली तथा सरपंच बाबूलाल परिहार का आभार व्यक्त किया।
इस दौरान छह जोड़ों ने आचार्य महाश्रमण के सानिध्य में शीलव्रत्त धर्म का आजीवन संकल्प लिया। मुनि मदन कुमार ने कहा कि जिस पर गुरू दृष्टि रहती है वह धन्य हो जाता है। साध्वी कंचन प्रज्ञा, रश्मि प्रभा, गौतम प्रज्ञा, रोहिणी प्रज्ञा सहित समणियों ने विचार रखे। इस अवसर पर सिवाना विधायक कानसिंह कोटड़ी, विश्व हिन्दू परिषद् के राष्ट्रीय संगठन मंत्री दिनेशचंद्र, पूर्व जिला प्रमुख बालाराम चौधरी, सरपंच बाबूलाल परिहार मौजूद थे।
स्वागत में बिछाए पलक पांवड़े
तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण के ध्वल सेना के साथ शनिवार को समदड़ी में प्रवेश पर क्षेत्रवासियों ने उनके स्वागत में पलक पांवड़े बिछा दिए। कुन्थुनाथ गौशाला में आचार्य का भावभीना स्वागत किया गया। जयकारों से गूंजते माहौल में श्रद्धालुओं ने आचार्य के दर्शन के लिए होड़ सी मची रही। उनके स्वागत में कुन्थुनाथ गौशाला से लेकर नवनिर्मित तेरापंथ भवन तक जगह-जगह स्वागत द्वार लगाए गए।
तेरापंथ भवन में आचार्य के सान्निध्य में नवनिर्मित तेरापंथ भवन का लोकार्पण किया गया। श्रीमती गुलाबदेवी धर्मपत्नी वीरचंद अब्बाणी, घीसुलाल, राजेन्द्र, प्रदीप सहित अब्बाणी परिवार ने उद्घाटन पटिका का अनावरण किया। मंगल भावना समारोह का आयोजन हुआ। श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष मांगीलाल जीरावला ने भी संबोघित किया।