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Pilibanga: 17.04.2012
Samani Manju Pragya told audience that just to pay tribute by words to Acharya Mahaprajna is not sufficient. We should follow his teachings.
News in Hindi
आचार्य महाप्रज्ञ अपने अवदानों के रूप में आज भी जीवित: समणी मंजूप्रज्ञाप्रस्तुति - संजय मेहता
पीलीबंगा । १७ अप्रैल २०१२. आचार्य महाप्रज्ञ अपने अवदानों के रूप में आज भी जीवित है। उनके अवदान न केवल तेरापंथ धर्मसंघ बल्कि सम्पूर्ण मानव जाति के लिए उपयोगी हैं। उक्त बात समणी मंजूप्रज्ञा ने सोमवार को जैन भवन में कही।
आचार्य महाप्रज्ञ की द्वितीय पुण्यतिथि पर हुए कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आज का दिन केवल भाषण, गीत व कविता सुनाकर न मनाए बल्कि सभी ऎसा संकल्प लें जिससे हमारी प्रज्ञा का जागरण हो सके। कार्यक्रम में समणी डॉ. हिमप्रज्ञा, अर्हतप्रज्ञा ने गीतिका के माध्यम से महाप्रज्ञ के भाव प्रकट किए। महिला मंडल की ओर से सायर बांठिया, सुशीला नाहटा, विनोद बांठिया, संगीता, विनोद छाजेड़, पुष्पा नाहटा, तेरापंथ सभा के पूर्व मंत्री प्रेम नाहटा, ओमप्रकाश पुगलिया, देवेन्द्र बांठिया, विमला बांठिया, राजकुमार छाजेड़, जीवन विज्ञान व्याख्याता रामदेवाराम, छात्रा संजु, साक्षी ने मुक्तक, कविता व गीतिकाओं के माध्यम से आचार्य की जीवनी पर प्रकाश डाला। मंच संयोजन बिंदु दुगड़ ने किया।