ShortNews in English
Manda: 26.03.2012
Acharya Mahashraman told truth cannot be defeated. People following can face hurdles but not defeat.
News in Hindi
सत्य परेशान हो सकता है परास्त नहीं-
आचार्य श्री महाश्रमणजी
मांडा २६ मार्च २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
सत्य परेशान हो सकता है परास्त नहीं। सत्य के मार्ग पर आने वाली परेशानियों को झेलने का साहस व मानस नहीं होने पर आदमी असत्य के पथ पर चलना शुरू कर देता है। आदमी क्रोध, लोभ, भय व हंसी मजाक में कभी-कभी झूठ बोल देता है। अगर जीवन में नैतिकता की आराधना करनी है तो कभी झूठ न बोलने का प्रयास करें।
यह विचार आचार्य महाश्रमण ने नजदीकी मांडा ग्राम में मंगल प्रवेश समारोह में प्रगट किए। आचार्य महाश्रमण अहिंसा यात्रा का धवल सेना के साथ सोमवार को सिरियारी से विहार कर मांडा में मंगल प्रवेश हुआ। अहिंसा यात्रा की अगवानी मांडा जैन समाज के प्यारेलाल पितलिया, तेजराम पुनमिया, गौतम सेठिया, अमरचंद लुंकड़ व राजकीय विद्यालय व मरुधर केशरी के विद्यार्थियों ने जय-जय 'योति चरण, जय-जय महाश्रमण जय भिक्षु, जय महाप्रज्ञ, जय तुलसी के जयकारों के साथ की। विद्यालय के छात्र-छात्राओं में महाश्रमण की तस्वीर बने टीशर्ट रैली में आकर्षण का मुख्य केंद्र थे। आचार्य सिरियारी से विहार कर गांव के बाहर स्थित वट वृक्ष के नीचे पहुंचे जहां तेरापंथ धर्मसंघ के हेमराज मुनि ने दीक्षा ली थी। उसके बाद बोपारी मांडा के बीच स्थित महादेव मंदिर पर महासती के अनुरोध में प्रवचन दिए।
साध्वी कनक प्रभा ने मोक्ष के चार द्वार सम-उपसम विचार, विचारशीलता, संतोष व साधु संगम बताते हुए कहा कि जब तक गुरु नहीं मिलता ज्ञान की प्राप्ति नहीं होती। जिला प्रमुख खुशवीर ने कहा कि गरीबों व पीडि़त मानवता की सेवा ही सर्वोपरि है।
यह अनुकरणीय व हमेशा स्मरणीय रहेगी। पूर्व मंत्री लक्ष्मीनारायण दवे ने कहा कि अहिंसा यात्रा द्वारा चलाए गए नशामुक्ति, व्यसनमुक्त, कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अभियान सराहनीय व राष्ट्रहित के कार्य है। इसमें सभी को सहभागी बनना चाहिए। समारोह का संचालन मुनि दिनेश कुमार स्वामी ने किया।
मांडा में 1145 रोगियों की निशुल्क जांच
आचार्य तुलसी महाप्रज्ञ चल चिकित्सालय के तत्वावधान में आयोजित नि:शुल्क सर्जिकल व नेत्र चिकित्सा शिविर का उद्घाटन जिला प्रमुख खुशवीर सिंह ने किया। जिसमें 1145 रोगियों की जांच की गई। शिविर में 720 मरीजों को निशुल्क चश्मा वितरण किए गया। जिसमें 52 मरीजों को नेत्र चिकित्सा के लिए चिह्नित किया गया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री लक्ष्मीनारायण दवे, राजेंद्रसिंह राठौड़, प्यारेलाल पितलिया, अमरचंद, धर्मचंद लुंकड़ व नेमीचंद मरलेचा आदि गणमान्य नागरिक मौजूद थे।