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Dhanla: 12.03.2012
Acharya Mahashraman advised people to make conduct good beside getting knowledge.
News in Hindi
'सम्यकज्ञान के साथ आचरण सही हो' आचार्य महाश्रमण
धनला १२ मार्च २०१२ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो (पाली)
आचार्य महाश्रमण ने कहा कि केवल श्रुत-ज्ञान की आराधना से व्यक्ति को परम सुख प्राप्त नहीं हो सकता। ज्ञान के साथ सही आचरण भी होना जरूरी है। विद्यालय की पढ़ाई से व्यक्ति की मूर्खता दूर होती है, किंतु मूढ़ता को दूर करने के लिए अध्यात्म की शिक्षा भी अपेक्षित होती है। कई लोगों के जन्म से ही मूढ़ता कम होती है, लेकिन इसके लिए प्रयत्न करना पड़ता है। मूर्खता दूर होने से ज्ञान एवं मूढ़ता के दूर होने से व्यक्ति शालीन बनता है। आचार्य महाश्रमण रविवार को धनला पहुंचे।
आचार्य ने कहा कि अध्यापक का काम है ज्ञान देना, लेकिन इसके साथ ही उन्हें बालकों के आचार पक्ष के प्रति जागरूक रहना चाहिए। आचार्य ने कहा कि ज्ञान का महत्व एक रुपए और आचार का महत्व 99 रुपए जितना है। विद्यालयों में संस्कार निर्माण का प्रयत्न होता है। दीवारों पर अच्छे वाक्य लिखे जाते हैं, लेकिन हमें इस बात पर और मनन करना चाहिए कि सम्यक ज्ञान के साथ सम्यक आचार का भी विकास हो। आचार्य सोमवार को विहार कर खिंवाड़ा जाएंगे। 14 मार्च को जाणुंदा में आचार्य महाश्रमण सेतु का उद्घाटन होगा, जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भी आने की संभावना है।
धनला. अहिंसा रैली के गांव में पहुंचने पर ग्रामीणों ने उनका जगह-जगह स्वागत किया।