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Charbhuja: 13.02.2012
Stand for Non-Violence, Truth and Sanyam in Every Circumstance: Acharya Mahashraman
News in Hindi
संयम की साधना से ही उद्धार
चारभुजा में महाश्रमण विहार भवन के लोकार्पण समारोह में आचार्य महाश्रमण ने कहा
चारभुजा 13 फरवरी 2012 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
आचार्य महाश्रमण ने कहा कि शरीर के एक नौका के समान है, जिसमें किसी भी परिस्थिति में सत्य, अहिंसा और संयम खंडित या छिद्र नहीं पडऩा चाहिए, वरना नौका रूपी शरीर समुद्र में डूब जाएगा। जिसके पास संयम की साधना है, वह संसार सागर से आसानी से पार हो जाएगा।
आचार्य श्री ने चारभुजा में तेरापंथ सभा की ओर से नवनिर्मित महाश्रमण विहार भवन के लोकार्पण समारोह एवं धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संयम के बगैर जीवन की सार्थकता संभव नहीं है। संयम के अभाव में शरीर की इंद्रियां बेबस हो जाएगी और मन, वाणी, काम, लोभ जैसी प्रवृत्तियां घर कर जाएगी, जिससे मानव जीवन नष्ट हो जाएगा। नौका रूपी शरीर के छिद्र को पाटने का एक ही उपाय अध्यात्म की साधना है। उन्होंने कहा कि गुरु आमजन को संयम की ओर ले जाने वाला होता है और जिसका मुख्य ध्येय ही अंधकार से प्रकाश की ओर एवं मृत्यु से जीवन की ओर ले जाना होता है। इसलिए व्यक्ति को जीवन में साधना का विकास करना चाहिए। सत्य, अहिंसा एवं अध्यात्म को अपनाकर कर पाप कर्मों से मुक्ति पाई जा सकती है। इस अवसर पर साध्वी कनकप्रभा ने अणुव्रत को परिभाषित करते हुए अणुव्रत के आदर्शों को आत्मसात करने की प्रेरणा दी। लोकार्पण कार्यक्रम में समाजसेवी किशनलाल, चंदनमल मादरेचा सहित कई श्रावक मौजूद थे।
अहिंसा रैली में उमड़े श्रद्धालु
13 फरवरी 2012 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
बोरड़ से विहार कर आचार्य श्री ने रविवार सुबह साढ़े 10 बजे चारभुजा में प्रवेश किया। रैली में श्रावक नशामुक्ति के
जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। आचार्य श्री सोमवार सुबह रिछेड़ के लिए विहार करेंगे।