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Deogarh: 29.12.2011
Accept Good Things of Television and Avoid Negative Things: Acharya Mahashraman
News in Hindi
टीवी की अच्छी चीजों को स्वीकारें और नकारात्मक बातों से दूर रहें। आचार्य महाश्रमण
देवगढ़ 29 दिसबर २०११ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें आचार्य महाश्रमण ने कहा कि आज साधन-सुविधाएं बढ़े हैं, तो संचार के क्षेत्र में भी क्रांति हुई है। उन्होंने कहा कि टीवी से जहां अपसंस्कृति फैल रही है, वहीं धर्म की प्रभावना भी फैल रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे में यह हमारे पर निर्भर करता है कि हम टीवी की अच्छी चीजों को स्वीकारें और नकारात्मक बातों से दूर रहें।
वे बुधवार को बाघाना में धर्मसभा में उद्बोधन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि टीवी के माध्यम से महापुरुषों की वाणी सुनने को मिल रही है, जिससे देश ही नहीं विदेशों में बसे लोग भी लाभान्वित हो रहे हैं। ऐसे में हमारा कर्तव्य है कि हम स्वयं के साथ ही बच्चों को भी ऐसे कार्यक्रमों से जोड़ें। ऐसे में बच्चों को टीवी के माध्यम से भी अच्छे संस्कार मिल सकेंगे अन्यथा टीवी संस्कारों को विकृत बना देगी। उन्होंने कहा कि प्रवचन स्थल से संस्कारों की बात सुनने का सौभाग्य सभी को नहीं मिल पाता है। ऐसे में लोगों को संचार माध्यमों का सदुपयोग करते हुए धर्म की प्रभावना का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने ज्ञान की बात बताने को भी जनता की सेवा करने के समान बताया। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक नहीं है कि हर कोई प्रवचन का अधिकारी हो। जो बात को सरलता से बता सके और सहजता से समझा सके तभी प्रवचन करना सार्थक माना जा सकता है। इससे पूर्व आचार्य महाश्रमण की अहिंसा यात्रा पीपली नगर से विहार कर कामलीघाट चौराहा होते हुए बाघाना पहुंची। आचार्य ने कामलीघाट चौराहा पर बहुउद्देशीय सामुदायिक सेवा केन्द्र के नवनिर्मित भवन का अवलोकन किया। इस दौरान शांतिलाल बोराना, भंवरलाल पितलिया, गौतम बोहरा, जुगराज नाहर, प्रकाशचंद्र मुथा, भंवरलाल बोहरा, अशोक पोखरना, विमल पितलिया, कैलाश मेहता भी उपस्थित थे।
आज छापली पहुंचेगी यात्रा
आचार्य महाश्रमण की अहिंसा यात्रा गुरुवार को बाघाना से छापली पहुंचेगी। आचार्य बाघाना से विहार कर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या आठ से होकर छापली पहुंचेंगे।
संतों के प्रवचन से शांति
साध्वी प्रमुख कनकप्रभा ने कहा कि संतों के आगमन और उनके प्रवचन सुनने से शांति मिलती है। इससे हर व्यक्ति के जीवन में आनंद की उपलब्धी होती है। ऐसे में आज के व्यस्तता के समय में सभी को ज्यादा से ज्यादा संतों का सानिध्य प्राप्त करना चाहिए। ऐसा करने से वे स्वयं को तरोताजा महसूस करेंगे और उन्हें काम करने की दोगुनी शक्ति मिलेगी।
बाघाना बस स्टैंड पर अगवानी
अहिंसा यात्रा के बघाना बस स्टैंड पहुंचने पर श्रावक-श्राविकाओं ने अगवानी की। आचार्यश्री के पहुंचते ही वहां पर वंदे गुरुवरम एवं तेरापंथ की जयजयकार शुरू हो गई। इस दौरान तेरापंथ सभाध्यक्ष छगनलाल मारू, डॉ. गणपत जैन, हस्तीमल चंडालिया, हरीश पोखरना, ललित आच्छा, पीयूष सुखलेचा, हीरालाल आच्छा, निर्मल आच्छा, सुरेश कुमार मेहता, चंदनमल जैन व कुशल कुमार मेहता उपस्थित थे।
अहिंसा यात्रा पीपली नगर से विहार कर कामलीघाट चौराहा होते हुए बाघाना पहुंची, धर्मसभा में दिए प्रवचन