28.12.2011 ►Terapanth News

Published: 28.12.2011
Updated: 02.07.2015

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Peepali: 28.12.2011

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News in Hindi

पुण्य कर्म बुरी परिस्थिति में मनुष्य की रक्षा करते है: महाश्रमण

पीपली नगर के राउमावि ग्राउंड में धर्मसभा में बोले आचार्य, आज बाघाना के लिए रवाना होगी अहिंसा यात्रा

देवगढ़ २८ दिसबर २०११ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो

आचार्य महाश्रमण ने कहा कि मनुष्य के पुण्य कर्म हर बुरी परिस्थिति में मनुष्य की रक्षा करते हैं। इसके विपरीत पाप कर्म आदमी को भले ही कुछ क्षण का लाभ दे दे, लेकिन बाद में वह प्राणी को गर्त में ले जाते हैं। इसलिए हमें पाप कर्मों से बचना चाहिए तथा पुण्य कर्मों को अपने जीवन में समाहित करना चाहिए। यह बात आचार्य ने मंगलवार को पीपली नगर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के ग्राउंड में धर्मसभा कही। उन्होंने कहा कि व्यक्ति में सर्वज्ञा होने के बाद अहंकार का भाव नहीं आना चाहिए। जब तक अहंकार रहता है व्यक्ति सर्वज्ञ नहीं बन सकता। जो अपने अज्ञान को जान लेता है, वह बड़ा ज्ञानी बन जाता है। शिक्षकों को अपने विषय का ज्ञान होता है, लेकिन वे सर्वज्ञ नहीं होते। जो सर्वज्ञ है उसे सभी विषयों का ज्ञान हो सकता है।

ज्ञान के साथ आचार का विकास भी हो: ज्ञान के साथ आचार का विकास भी होना चाहिए। विचार और आचार नदी के दो पाट की तरह हैं। उनके बीच एक पुल अवश्य होना चाहिए। जब ऐसा पुल होगा तभी विचार आचार में सम्मिलित हो सकेगा। आचार में आने पर व्यवहार में ज्ञान केवल दिमागी नहीं रहता। उन्होंने कहा कि समाज में धर्म संत भी बहुत हैं, परन्तु खास बात यह है कि उनमें उपदेश की बातें हैं। वह जीवन में आ जाए। केवल ग्रंथों से कल्याण नहीं होगा। जो आध्यात्म शास्त्रों को आत्मसात नहीं करता वह दुख को संवेदन करता है। ग्रंथों को खरीद लिया पर पढ़ा नहीं, जीवन में उतारा नहीं तो वे आधारहीन हो जाते हैं।

मंगल पाठ किया:
पीपली नगर के मांगीलाल बोहरा राउमावि में जुगराज नाहर द्वारा अपने पुत्र प्रकाश नाहर की स्मृति में तीन कमरों का निर्माण कराया गया। इसका उद्घाटन शांता नाहर द्वारा किया गया। वहीं मंगलवार को आचार्य महाश्रमण ने इन कमरों का अवलोकन कर मंगल पाठ किया।

Sources

Jain Terapnth News

News in English: Sushil Bafana

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