ShortNews in English:
Lasani: 23.12.2011
Good Conduct Gives Good Result: Acharya Mahashraman
News in Hindi
आचरण शुद्ध हो तो फल अपने आप मिल जाता है - आचार्य महाश्रमण
ताल से विहार कर लसानी पहुंची अहिंसा यात्रा, गणेश वाटिका में दिए प्रवचन
लसानी २३ दिसम्बर २०११ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
आचार्य महाश्रमण ने कहा कि आचरण शुद्ध हो तो फल अपने आप मिल जाता है। वहीं अगर भावों में हिंसा आ गई, तो मानव नरक में जाने के लायक हो जाता है।
यह बात आचार्य ने गुरुवार को कस्बे के गणेश वाटिका में आयोजित धर्मसभा में प्रवचन के दौरान नरक-स्वर्ग विषय पर कही। उन्होंने कहा कि संबोधि में चार गतियां बताई गई हैं, जिसमें नर गति नरक की श्रेणी में आती है। इसमें पौरूष के कारण नरक लोक में मनुष्य पैदा होता है। उन्होंने नरक के कारणों की विवेचना करते हुए कहा कि हिंसा, पंचाव्यवध तथा मांसाहार से नरक की प्राप्ति होती हैं। कारण के बिना कार्य नहीं होता। इसी प्रकार निष्ठुर भाव से हत्या करने पर मनुष्य नरक का भागी बनता हैं। जिसकी जैसी भावना होती है वैसा ही फल उसे मिलेगा। अत: हमेशा मन शुद्ध रखना चाहिए, जिससे हमारी गति सफल हो जाए। हमें भावों को शुद्ध करने का प्रयास करना चाहिए। भावों या भावना से हमारी अधोगति या अवगति हो सकती है। भाव यदि मलिन है तो अधोगति नरक में जाता हैं। अच्छे परिणामों से स्वर्ग तथा गलत परिणामों से नरक मिलता है। परिवार के सदस्यों में मैत्री भाव हो, संस्कार अच्छे हों तथा आवश्यकता की कमी नहीं है तो उस परिवार में स्वर्ग है। इसके विपरीत परिवार में लड़ाई-झगड़ा चलता हो, संस्कार खराब हो, दो रोटी का जुगाड़ सही ढंग से नहीं हो, वहां नरक जैसा वातावरण होता हैं।
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आमेट में दीक्षा महोत्सव फरवरी में
23 दिसम्बर २०११ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
आचार्य महाश्रमण ने राजसमंद जिले के आमेट नगर में फरवरी में आयोजित मर्यादा महोत्सव के दौरान दीक्षा महोत्सव भी रखने की स्वीकृति देते हुए घोषणा की कि माघ शुक्ला दशमी तदनुसार 2 फरवरी 2012 को आमेट में दौलतगढ की मुमुक्षु हेमाक्षी को श्रमण दीक्षा प्रदान करने को लेकर दीक्षा महोत्सव मनाने का आदेश फरमाया।
इस पर धर्मचंद मेहता ने आभार व्यक्त किया। इससे पूर्व सुबह सवा नौ बजे आचार्य के ताल से विहार कर नगर में मंगल प्रवेश पर ग्रामीणों ने पलक-पावड़े बिछाकर उनका स्वागत किया। प्रारंभ में तेरापंथ युवक परिषद सूरत के भीकमचंद दक ने गुरु वंदना कर उनकी अगवानी की।
आचार्य आज ठीकरवास कला में
आचार्य महाश्रमण शुक्रवार को सुबह साढ़े सात बजे लसानी से विहार कर ठीकरवास कला में सुबह नौ बजे मंगल प्रवेश करेंगे, जहां धर्मसभा में प्रवचन देंगे।
साधु संसार के संबंधों से दूर रहे
आचार्य ने साधु की महत्ता का बखान करते हुए कहा कि साधु को सांसारिक क्रियाकलापों से दूर रहना चाहिए। सामयिकी को खरीदा नहीं जा सकता है। उसी प्रकार बुरे कार्यों एवं सांसारिक भोग विलास से प्राप्त नरक को भी टाला नहीं जा सकता है।
वाटिका में छोटा पड़ गया स्थान
22 दिसम्बर २०११ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
आचार्य महाश्रमण की धर्मसभा स्थल गणेश वाटिका में गुरुवार को प्रवचन सुनने के लिए उमड़ी ग्रामीणों की भीड़ से उनके बैठने का स्थान छोटा पड़ गया। काफी तादाद में लोग वाटिका के लॉन में प्रवचन सुनते देखे गए।