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Chitamba, 20.12.2011 Acharya Mahashraman ►All Scripture Books Teach Love
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सभी शास्त्रों का सार प्रेम: महाश्रमण
चितांबा में अहिंसा यात्रा समारोह में उमड़े श्रद्धालु
करेड़ा २० दिसम्बर २०११ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो
गुरु की सच्ची आस्था एवं श्रद्धा के भाव व्यक्ति को पापों से बचाकर उससे दूर ले जाते हैं। यह बात सोमवार को चितांबा में भिक्षु समवशरण स्थल पर आयोजित अहिंसा यात्रा समारोह में आचार्य महाश्रमण ने कही।
उन्होंने कहा कि मुख्यतया विद्वान को पंडित कहा जाता है, लेकिन उसका सही भाव तब ही होता है, जब उसमें प्रेम, अहिंसा के भाव हों। व्यक्ति त्याग के आधार पर पंडित कहलाता है। जीवन में जहां तक हो सके किसी को कटु वचन न बोलो तो जीवन निश्चित ही ख्याति दिलाएगा। दुनिया में सभी शास्त्रों का सार प्रेम मात्र है। साध्वी प्रमुख कनकप्रभा ने धर्मसभा को संबोधित किया।
समारोह के मुख्य अतिथि नई दिल्ली अणुव्रत महासमिति के पूर्व अध्यक्ष महेंद्र कर्णावट थे। अध्यक्षता मेवाड़ तेरापंथ कांफ्रेंस अध्यक्ष बसंतीलाल बाबेल ने की। समारोह में भैंरूलाल मेड़तवाल, तेरापंथ चितांबा अध्यक्ष मदन दलाल सहित बैंगलोर, महाराष्ट्र, कोलकाता, गुजरात, मैसूर सहित कई जगहों से आए जैन श्रद्धालु उपस्थित थे। समारोह में चितांबा बालिका मंडल एवं महिला मंडल द्वारा आचार्यश्री का गीतिका के माध्यम से स्वागत किया गया। अतिथियों का स्वागत चितांबा जैन श्वेतांबर सभा द्वारा अध्यक्ष मदन दलाल, मंत्री संजय मांडोत सहित समाजजनों द्वारा किया गया। समारोह में सिरयारी आचार्य भिक्षु समाधि स्थल अध्यक्ष सुरेंद्र सुराणा ने भी संबोधित किया। संचालन सुरेशचंद्र दक ने किया।