Short News in English
Location: | Bhilwara |
Headline: | First Chaturamas in Bhilwara Whenever Chaturamas Will be Held in Mewar► Acharya Mahashraman |
News: | PPeople of Bhilwara did Mangal Bhawana for Acharya Mahashraman. President of local Sabha told that Bhilwara will wait for you and we are thankful to you for giving Chaturmas to us with certain condition. Acharya Mahashraman in his message to people told that knowledge and conduct give new light in life. Acharya Mahashraman did Vihar from Bhilwara touching many areas. |
News in Hindi
गुरुदेव हमें आपकी प्रतीक्षा रहेगी
श्रद्धा, भक्ति व सेवा का संगम
अज्ञान क्रोध व अहंकार से भी बुरा पाप: मंगल प्रवचन में बोले आचार्यश्री महाश्रमण भिक्षु भजन मंडली की प्रस्तुति ने किया भावविभोर
गुरुदेव हमें आपकी प्रतीक्षा रहेगी
Jain Terapnth News
गुरुदेव कोई गलती हुई हो तो क्षमा करना, हम आपके मंगल भावना की कामना करते हैं। आपने मेवाड़ में पहला चातुर्मास भीलवाड़ा में करने की घोषणा कर हमें कृतार्थ किया हैं। हम आपके भीलवाड़ा आगमन की प्रतीक्षा करेंगे। यह बात बुधवार रात अमृत समवसरण में तेरापंथ समाज के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा आचार्यश्री के सानिध्य में उनके लिए मंगल भावना व्यक्त करते हुए कही।तेरापंथी सभा अध्यक्ष भैरूलाल बापना ने आचार्यश्री की चरण वंदना करते हुए कहा कि चार दिन के प्रवास में हम से कोई गलती हुई हो तो माफ करना। युवक परिषद मंत्री रजनीश नौलखा, तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष कीर्ति बोरदिया, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के सचिव अंकुर बोरदिया, अणुव्रत समिति अध्यक्ष पुखराज दक, कुमारी नेहा बोथरा, नैना कांठेड़, टीना भानावत आदि ने आचार्यश्री के प्रति मंगल भावना व्यक्त करते हुए कहा कि गुरुवर आपका उपकार हम भूल नहीं पाएंगे। सभा अध्यक्ष बापना व मंत्री बोरदिया ने आचार्यश्री के चार दिवसीय प्रवास पर विभिन्न क्षेत्रों में व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित अंजाम देने वालों को प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। मंगल भावना एवं आभार कार्यक्रम में महाश्रमण ने कहा कि जो वर्तमान में जीना व संतुष्ट रहना जानता है वह हर वक्त सुखी रहता है। विभिन्न समाजों व संगठन के पदाधिकारियों का भी सम्मान किया गया।
शास्त्रीनगर से विहार आज
आचार्यश्री सुबह सवा सात बजे शास्त्रीनगर से विहार कर काशीपुरी, कॉलेज रोड, वकील कॉलोनी, साबुन मार्ग, रेलवे फाटक, सर्किट हाउस, बसंत विहार, कांचीपुरम, महावीर कॉलोनी होते हुए प्रज्ञा भारती पहुंचेंगे। वहां से सुरास के लिए विहार करेंगे।
आज प्रज्ञा भारती में प्रेरणा पाथेय
आचार्यश्री गुरुवार सुबह शास्त्रीनगर से विहार कर महावीर कॉलोनी स्थित प्रज्ञा भारती पहुंचेंगे, जहां उनका प्रेरणा पाथेय प्रदान होगा। संस्थान अध्यक्ष मीठालाल गन्ना ने श्रावक-श्राविकाओं से आह्वान किया हैं कि अधिकाधिक संख्या में पहुंचकर पावन प्रेरणा पाथेय से लाभान्वित हों। मंत्री मनोहरलाल बापना ने बताया कि आचार्य श्री सुबह सवा सात बजे विहार कर संपत सामसुखा के आवास से प्रज्ञा भारती पधारेंगे।
पीथास में आचार्य का मंगल प्रवेश नौ को
आचार्यश्री महाश्रमण सुरास होते हुए नौ दिसंबर को पीथास पधारेंगे। रतनलाल काल्या ने बताया कि गुरुदेव के आगमन को लेकर ग्रामीणों में उत्साह हैं। गांव को झंडियों व बैनर से सजाया जा रहा है। सुबह 9.30 बजे ग्रामवासियों द्वारा आचार्यश्री के अभिनंदन के बाद प्रवचन व अन्य कार्यक्रम होंगे।
गुरुदेव हमें आपकी प्रतीक्षा रहेगी
गुरुदेव कोई गलती हुई हो तो क्षमा करना, हम आपके मंगल भावना की कामना करते हैं। आपने मेवाड़ में पहला चातुर्मास भीलवाड़ा में करने की घोषणा कर हमें कृतार्थ किया हैं। हम आपके भीलवाड़ा आगमन की प्रतीक्षा करेंगे। यह बात बुधवार रात अमृत समवसरण में तेरापंथ समाज के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा आचार्यश्री के सानिध्य में उनके लिए मंगल भावना व्यक्त करते हुए कही।तेरापंथी सभा अध्यक्ष भैरूलाल बापना ने आचार्यश्री की चरण वंदना करते हुए कहा कि चार दिन के प्रवास में हम से कोई गलती हुई हो तो माफ करना। युवक परिषद मंत्री रजनीश नौलखा, तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष कीर्ति बोरदिया, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के सचिव अंकुर बोरदिया, अणुव्रत समिति अध्यक्ष पुखराज दक, कुमारी नेहा बोथरा, नैना कांठेड़, टीना भानावत आदि ने आचार्यश्री के प्रति मंगल भावना व्यक्त करते हुए कहा कि गुरुवर आपका उपकार हम भूल नहीं पाएंगे। सभा अध्यक्ष बापना व मंत्री बोरदिया ने आचार्यश्री के चार दिवसीय प्रवास पर विभिन्न क्षेत्रों में व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित अंजाम देने वालों को प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। मंगल भावना एवं आभार कार्यक्रम में महाश्रमण ने कहा कि जो वर्तमान में जीना व संतुष्ट रहना जानता है वह हर वक्त सुखी रहता है। विभिन्न समाजों व संगठन के पदाधिकारियों का भी सम्मान किया गया।
शास्त्रीनगर से विहार आज
आचार्यश्री सुबह सवा सात बजे शास्त्रीनगर से विहार कर काशीपुरी, कॉलेज रोड, वकील कॉलोनी, साबुन मार्ग, रेलवे फाटक, सर्किट हाउस, बसंत विहार, कांचीपुरम, महावीर कॉलोनी होते हुए प्रज्ञा भारती पहुंचेंगे। वहां से सुरास के लिए विहार करेंगे।
आज प्रज्ञा भारती में प्रेरणा पाथेय
आचार्यश्री गुरुवार सुबह शास्त्रीनगर से विहार कर महावीर कॉलोनी स्थित प्रज्ञा भारती पहुंचेंगे, जहां उनका प्रेरणा पाथेय प्रदान होगा। संस्थान अध्यक्ष मीठालाल गन्ना ने श्रावक-श्राविकाओं से आह्वान किया हैं कि अधिकाधिक संख्या में पहुंचकर पावन प्रेरणा पाथेय से लाभान्वित हों। मंत्री मनोहरलाल बापना ने बताया कि आचार्य श्री सुबह सवा सात बजे विहार कर संपत सामसुखा के आवास से प्रज्ञा भारती पधारेंगे।
आचार्यश्री ने प्रवचन में दी यह सीख
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अज्ञान क्रोध व अहंकार से भी बुरा पाप है।
जीव-अजीव को नहीं जानने वाला संयम को नहीं जान सकता।
जहां प्रेम व सम्मान है, वहां जाने का आकर्षण होता है।
अज्ञानी व्यक्ति मानव जीवन पाकर भी खाली है।
सत्संग से ज्ञान मिलता है।
ज्ञान के अभाव में आदमी ठोकर खाता है।
ज्ञान का प्रकाश नहीं तो जीवन बेकार।
ज्ञानी ज्ञान से भी दुखियों की सेवा कर सकता है।
विकृति छोड़ो, संस्कृति धारण करो।
ज्ञान व आचरण के योग से धन्य होगा जीवन।
गुरुदेव हमें आपकी प्रतीक्षा रहेगी
गुरुदेव कोई गलती हुई हो तो क्षमा करना, हम आपके मंगल भावना की कामना करते हैं। आपने मेवाड़ में पहला चातुर्मास भीलवाड़ा में करने की घोषणा कर हमें कृतार्थ किया हैं। हम आपके भीलवाड़ा आगमन की प्रतीक्षा करेंगे। यह बात बुधवार रात अमृत समवसरण में तेरापंथ समाज के विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा आचार्यश्री के सानिध्य में उनके लिए मंगल भावना व्यक्त करते हुए कही।तेरापंथी सभा अध्यक्ष भैरूलाल बापना ने आचार्यश्री की चरण वंदना करते हुए कहा कि चार दिन के प्रवास में हम से कोई गलती हुई हो तो माफ करना। युवक परिषद मंत्री रजनीश नौलखा, तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष कीर्ति बोरदिया, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के सचिव अंकुर बोरदिया, अणुव्रत समिति अध्यक्ष पुखराज दक, कुमारी नेहा बोथरा, नैना कांठेड़, टीना भानावत आदि ने आचार्यश्री के प्रति मंगल भावना व्यक्त करते हुए कहा कि गुरुवर आपका उपकार हम भूल नहीं पाएंगे। सभा अध्यक्ष बापना व मंत्री बोरदिया ने आचार्यश्री के चार दिवसीय प्रवास पर विभिन्न क्षेत्रों में व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित अंजाम देने वालों को प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। मंगल भावना एवं आभार कार्यक्रम में महाश्रमण ने कहा कि जो वर्तमान में जीना व संतुष्ट रहना जानता है वह हर वक्त सुखी रहता है। विभिन्न समाजों व संगठन के पदाधिकारियों का भी सम्मान किया गया।
भीलवाड़ा। शास्त्रीनगर स्थित अहिंसा समवसरण में प्रवेश करते आचार्य श्री महाश्रमण ।
कमजोर को उठाना बड़ी बात
आचार्यश्री ने सुबह शास्त्रीनगर स्थित अणुव्रत साधना सदन का पावन स्पर्श करने के बाद विद्यार्थियों को प्रेरणा पाथेय प्रदान किया। उन्होंने कहा कि कमजोरों को उठाना बड़ी बात है। छात्रों को नशा नहीं करने का संकल्प दिलाते हुए कहा कि अणुव्रत का प्रभाव बना रहे। विधायक विट्ठलशंकर अवस्थी, मुनि सुखलाल, तेरापंथी सभा अध्यक्ष भैरूलाल बापना ने भी विचार व्यक्त किए। सभा मंत्री शैलेंद्र बोरदिया ने संचालन करते हुए विद्यालय में निर्माणाधीन आचार्यश्री तुलसी सभागार सहित अन्य निर्माण की जानकारी दी। आचार्यश्री ने अरिहंत हॉस्पिटल का भी पावन स्पर्श किया।
हर स्कूल पहुंचे नशामुक्ति अभियान
दोपहर में अणुव्रत व जीवन विज्ञान अकादमी की संयुक्त कार्यशाला मुनि सुखलाल के सानिध्य में हुई। शुभारंभ गीतिका से हुआ। अणुव्रत समिति अध्यक्ष पुखराज दक व जीवन विज्ञान अकादमी की अंजलि नैनावटी ने सभी का स्वागत किया। मुनिश्री ने प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए नशामुक्ति अभियान को शहर के सभी स्कूलों के विद्यार्थियों तक पहुंचाने का संकल्प दिलाया। कार्यशाला में सभी वार्डों के प्रभारी नियुक्त कर सभी स्कूलों के विद्यार्थियों से नशामुक्ति संकल्प पत्र भरवाने का निर्णय लिया गया। अणुव्रत समिति प्रदेश अध्यक्ष संपत सामसुखा, डॉ. आरएल पीतलिया, प्रभाकरसिंह नैनावटी, मिलापचंद कोठारी, शंकरलाल काबरा, ओमप्रकाश भाटिया ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन अशोक सिंघवी ने किया।
नगर संवाददाता भीलवाड़ा Jain Terapnth News
जीवन में ज्ञान का नेत्र खोलने का प्रयास करना चाहिए। स्वयं के साथ दूसरों का भी उत्थान करना चाहिए। भलाई का काम करने से सच्ची भक्ति हो जाएगी और उससे शक्ति भी मिलेगी। यह बात बुधवार सुबह आचार्यश्री महाश्रमण ने शास्त्रीनगर स्थित अमृत समवसरण में मंगल प्रवचन में कही।
उन्होंने आचार्यश्री महाप्रज्ञ द्वारा लिखित संबोधि ग्रंथ के नौंवें अध्याय का वर्णन करते हुए कहा कि चेतना दो प्रकार की होती है। पहली शुद्ध व दूसरी अशुद्ध। शुद्ध चेतना पूर्णतया शुद्ध होती हैं, उससे अनंत ज्ञान प्रकाशित होता है।
अशुद्ध चेतना में ज्ञान प्रकाशित नहीं होता है। उन्होंने कहा कि जैन विद्या में आठ कर्म हैं, जिनमें पहला है ज्ञानावरण कर्म। इसके प्रभाव से आदमी का ज्ञान अवतरित होता है। मंत्री मुनि ने कहा कि धर्म को बेचने वाले के घर पानी पीना भी पाप है। श्रद्धा से किया जाने वाला काम सो गुना फलता है। धर्म बदलाव लाता है। बदलाव आ गया तो धर्म फल देने लग जाएगा।
भिक्षु भजन मंडली के सदस्यों ने आचार्यश्री को भजनों के संकलन की पुस्तक भेंट की तथा श्रद्धा उपहार हैं, जिनके मुख दर्शन से ही होता उद्दार हैं...भजन प्रस्तुत कर सभी को भावविभोर किया। मंगल प्रवचन में विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों के साथ ही बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित थे।
भीलवाड़ा। महाश्रमण के सानिघ्य में उत्कृष्ट कार्य करने वालों का सम्मान किया गया।