Short News in English
Location: | Bhilwara |
Headline: | Black Money Should Not be Used in Religious Field► Acharya Mahashraman |
News: | Acharya Mahashramn while talking to journalist advised religious organization to take money from cheque and stay away from black money. He also said politics is not bad. It is medium to serve public. Politician should pay attention to serve public. |
News in Hindi
धर्म के क्षेत्र में नहीं आए काला धन
कार्यक्रम में उपस्थित आचार्य महाश्रमण व अन्य जैन साध्वियां।
महाश्रमणजी का पुर में मंगल प्रवेश आज
पुर २ दिसम्बर २०११ जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो भीलवाड़ा
तेरापंथ युवक परिषद पुर के उपाध्यक्ष नोरत पानगडिय़ा ने बताया कि शुक्रवार सुबह आठ बजे आचार्यश्री महाश्रमणजी का ससंघ पुर में मंगल प्रवेश होगा। अधरशिला चौराहा से अहिंसा रैली के रूप में चुंगी नाका, नैनावटी मंदिर, सदर बाजार, अमृत चौक, बस स्टैंड होते हुए उदयपुर रोड स्थित अहिंसा समवसरण पहुंचेंगे। 9.30 बजे आचार्यश्री का स्वागत एवं नागरिक अभिनंदन व प्रेरणा पाथेय होगा। पारिवारिक संगोष्ठी व प्रेरणा पाथेय दोपहर दो बजे तथा शाम सात बजे स्वागत एवं मंगल उदबोधन होगा।
अहिंसा यात्रा का उद्देश्य बताया
आचार्य महाश्रमणजी ने कहा कि लोगों को नशामुक्त करने, कन्या भू्रण हत्या बंद हो, जनता में ईमानदारी रहे तथा सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की प्रेरणा के साथ ही सभी में चेतना के विकास के उद्देश्य से अहिंसा यात्रा शुरू की है। मेवाड़ से यात्रा मारवाड़ में प्रवेश करेगी।
मुजरास में पत्रकार वार्ता में बोले तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्यश्री महाश्रमण
भीलवाड़ा
आचार्य महाश्रमणजी ने कहा कि जो संस्थाएं धर्म के क्षेत्र में काम करती हैं, उसमें काला धन नहीं आए। नकद के बजाय चेक से पैसा आएगा तो शुद्धता रहेगी। वे गुरुवार शाम अहिंसा यात्रा के दौरान मुजरास में पत्रकार वार्ता में बोल रहे थे।
आचार्यश्री ने कहा कि राजनीति बुरी नहीं है। यह देश सेवा का माध्यम है। राजनेता में पैसा बटोरने के बजाय सेवा की भावना होनी चाहिए। समाज पर पहले ध्यान देना चाहिए। पहले खुद के घर को फिर दूसरों को सुधारें। जैन समाज को अल्पसंख्यक का दर्जा मिलने पर उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक का सिद्धांत ही गलत है। फिर भी साधु-साध्वियां चिंतन करेंगे, उसमें कोई राय बनेगी तो नीति बनाने का प्रयास करेंगे। गोरक्षा पर आचार्यश्री ने कहा कि गाय उपयोगी है, उसकी रक्षा होनी चाहिए। अधिक कत्लखाने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि तेरापंथ समाज के किसी व्यक्ति का कत्लखाना हो तो कल ही बंद करा दूं। छोटी उम्र में दीक्षा लेने पर उन्होंने कहा कि मैं 12 साल की आयु में संत बना। आचार्यश्री तुलसी ने 11 व आचार्यश्री महाप्रज्ञ ने साढ़े 10 साल की उम्र में दीक्षा ली थी। शास्त्रों में विधान हैं कि आठ वर्ष की आयु पार करने वाला बालक साधु बन सकता है। इससे पहले मीडिया प्रभारी अंकुर बोरदिया ने सभी का स्वागत किया। तेरापंथी सभा के मंत्री शैलेंद्र बोरदिया ने आचार्यश्री के भीलवाड़ा प्रवास की जानकारी दी।
आचार्यश्री करेंगे गोशाला का अवलोकन
आचार्यश्री महाश्रमणजी शुक्रवार को मुजरास से विहार कर सुबह सवा सात बजे नौगांवा स्थित माधव गौ विज्ञान अनुसंधान संस्थान पहुंचेंगे। गौशाला अध्यक्ष डीपी अग्रवाल ने बताया कि गौशाला अवलोकन के बाद आचार्यश्री के आशीर्वचन होंगे। उसके बाद वे पुर रवाना होंगे।