Short News in English
Location: | Lava Sardargarh |
Headline: | Follow Preaching of Vitarag► Acharya Mahashraman |
News: | Acharya Mahashraman reached Jetpur Village of Lava Sardargarh. Sadhvi Swarn Rekha did darshan of Acharya Mahashraman after completion of Chaturmas at Lava Sardargarh. Acharya Mahashraman in his Pravachan told to follow way shown by Vitarag. |
News in Hindi
वीतरागी का अनुसरण करें: आचार्य महाश्रमण
लावासरदारगढ़ १२ नवम्बर २०११ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो उदयपुर
तेरा पंथ के 11वें अधिशास्ता आचार्य महाश्रमण ने कहा कि व्यक्ति को वीतरागी के उपदेशों का अनुसरण करना चाहिए। संतों, आचार्यों, धर्माचार्यों आदि के उपदेशों का अनुसरण कर व्यक्ति अपने जीवन को सफल बना सकता है। आचार्यश्री शनिवार को जेत पुरा गांव के स्कूल में श्रावक सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वितराग की पूजा करना अच्छा है। वितराग के आचरणात्मक निर्देश हैं उनकी भी पूजा करनी चाहिए। व्यक्ति जीवन में सत्य की साधना करे और नशामुक्त जीवन जिए तो वह अनेक कष्टों से मुक्ति पा सकता है। आचार्यश्री ने कहा कि अणुव्रत नैतिक उत्थान का एक अच्छा उपक्रम है। व्यक्ति अणुव्रत के छोटे छोटे नियमों का अनुसरण कर अपने जीवन में बदलाव ला सकता है। किसी निरपराध प्राणी का वध नहीं करना, मिलावट नहीं करना, कन्या भू्रण हत्या नहीं करना, अनुकंपा की चेतना का विकास करना आदि अणुव्रत के ही नियम हैं। अणुव्रत के नियमों का पालन कर व्यक्ति कई अपराधों से बच सकता है।
संकल्प शक्ति से कार्य करें
आचार्य ने मनुष्य को पवित्र कार्य के लिए अपनी संकल्प शक्ति के साथ कार्य को करने की सीख दी है। उन्होंने कहा कि संकल्प शक्ति के साथ किया जाने वाला हर काम पूरा होता है। संकल्प शक्ति से काम आसान हो जाता है।
ग्रामीणों व विद्यार्थियों ने ली नशामुक्ति का संकल्प
जेत पुरा के स्कूली छात्र-छात्राओं ने आचार्य महाश्रमण के समक्ष किसी भी प्रकार का व्यसन नहीं करने का संकल्प लिया। इससे पूर्व शनिवार सुबह खटामला गांव से विहार कर जेत पुरा पधारने के दौरान भी रास्ते के गांव जोड़लिया में आचार्य ने ग्रामीणों को व्यसन मुक्त जीवन जीने की प्रेरणा दी। इस दौरान 50 से ज्यादा ग्रामीणों ने नशा नहीं करने की सौगंध ली। जेत पुरा गांव में आचार्यश्री ने भ्रूण हत्या नहीं करने की शपथ दिलाई।
साध्वियों ने किए गुरु के दर्शन
१२ नवम्बर २०११ जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो उदयपुर
चातुर्मास समाप्ति के बाद सरदारगढ़ में पावस प्रवास कर रही साध्वी स्वर्ण रेखा ने अपनी सहवर्तिनी साध्वियों के साथ जेत पुरा गांव पहुंच कर गुरुदेव के दर्शन किए। इस अवसर पर साध्वी स्वर्ण रेखा ने आचार्यश्री के गुणों की स्तुति करते हुए कहा कि आचार्य की निश्रा में रहना ही साधुत्व के लक्षण हैं। एक गुरु की आज्ञा में चलना तेरापंथ धर्मसंघ की अद्भुत विशेषता है। उन्होंने अपनी सहवर्तिनी साध्वियों के साथ मंगलगीत प्रस्तुत किया। इससे पूर्व अहिंसा यात्रा के जेत पुरा पहुंचने पर ग्रामीणों ने अभिनंदन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मेवाड़ तेरापंथ कांफ्रेंस के अध्यक्ष तथा न्यायविद् डॉ. बसंतीलाल बाबेल ने की। मुख्य अतिथि चातुर्मास व्यवस्था समिति केलवा के अध्यक्ष महेंद्र कोठारी थे। समारोह में सरदारगढ़, केलवा, कांकरोली, उदयपुर, मुंबई, सूरत, भीलवाड़ा, गंगापुर, अहमदाबाद, आमेट, देवगढ़, सरदारशहर, राजनगर, बिनोल, खटामला, चारभुजा सहित आसपास के गांवों के कई श्रावक शामिल हुए।