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जसोल अणुव्रत कार्यशाला का भव्य आयोजन
जसोल 11 Oct-2011 जैन तेरापंथ न्यूज मुम्बई
स्वस्थ और शांतिपूर्ण जीवन यापन के लिए अणुव्रत जरूरी है। संयम और नैतिक विकास पर आधारित यह आंदोलन वसुधैव कटुंबकम् की आधारशिला बन सकता है। ये उद्गार सोमवार को ओसवाल भवन में आयोजित अणुव्रत कार्यशाला में मुनि मदन कुमार ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि आचार्य तुलसी अणुव्रत की दिव्य दृष्टि देकर अमर हो गए। अर्थ परक दृष्टिकोण को चिंतनीय बताते हुए मुनि ने कहा कि अच्छे इंसान के बिना भौतिक विकास व्यर्थ है। वास्तव में जो नैतिक है वहीं धार्मिक है। जीवन में ईमानदार तभी रहा जा सकता है जब जीवन का लक्ष्य पैसा न हो। अध्यक्ष किशनसिंह रावल ने कहा कि अणुव्रत असांप्रदायिक धर्म है और इसने राष्ट्र को नई दिशा दी है। अणुव्रत महासमिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूलाल गोलेच्छा ने कहा कि जीवन में सदाचार को लाकर ही भ्रष्टाचार का उन्मूलन किया जा सकता है।
प्रदेश अध्यक्ष संपत श्यामसुखा ने अणुव्रती बनाने के लिए आह्वान किया। कार्यक्रम में जिला प्रभारी ओम बांठिया, गौतमचंद सालेचा, जसराज बुरड़, भूपतराज कोठारी, मोहनलाल खंडेलवाल, मांगीलाल भंसाली, मुनि कोमल कुमार, शांतिप्रिय एवं मूणलाल प्रजापत ने भी विचार व्यक्त किए। तीन सत्रों में आयोजित कार्यशाला में अणुव्रत कार्यकर्ताओं ने उत्साह के साथ भाग लिया। कार्यशाला का संचालन सफरू खां ने किया।