06.10.2011 ►Kelwa ►News

Published: 06.10.2011
Updated: 21.07.2015

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निरंतर साधना से मिलती है सफलता: महाश्रमण 

तेरापंथ समवसरण में चल रहे चातुर्मास के दौरान दैनिक प्रवचन में कहा 

केलवा thursday, 06 October) जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो मुम्बई 

आचार्य महाश्रमण ने कहा कि धार्मिक कार्यों में लगे रहने से आत्म कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। ध्यान और साधना का प्रयोग निरंतर किए जाने की आवश्यकता है। इसे अनवरत रूप से आगे की ओर बढ़ाते रहना चाहिए। एक ना एक दिन इसका अच्छा परिणाम हमारे सामने आएगा और सफलता मिलेगी। आचार्य बुधवार को यहां तेरापंथ समवसरण में चल रहे चातुर्मास के दौरान दैनिक प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने संबोधि के पांचवें अध्याय में अहिंसा को लेकर उल्लेखित विषय को परिभाषित करते हुए कहा कि अतीत के अनेक तीर्थंकरों ने निरूपित किया कि किसी प्राणी का वध और उसका हनन करना हिंसा की श्रेणी में आता है। इस तथ्य को विभिन्न शास्त्रों में भी माना गया है। जैन धर्म में अहिंसा को शाश्वत धर्म का दर्जा प्रदान किया गया है। इसमें किसी तरह का कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता है। 

सघन साधना की आवश्यकता: 

आचार्य ने आठ दिवसीय प्रेक्षाध्यान शिविर के समापन अवसर पर कहा कि इस तरह के शिविरों की तिथियां निर्धारित हैं, लेकिन जीवन की कोई तिथि का कोई निर्धारण नहीं है। किस पल और किस समय जीवन का अंत हो जाए। इसके बारे में कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकता। हालांकि कुछ ज्योतिष इस तरह की भविष्यवाणी अवश्य करते हैं, लेकिन यह सौ फीसदी सही होगी, यह कहना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। इसलिए आवश्यकता इस बात की है कि शिविर का हिस्सा बन चुके शिविरार्थी सघन साधना का प्रयास करें। इससे खुराक भी मिल जाएगी। शिविर की संपन्नता के बाद अपने व्यस्ततम जीवन की एक दिनचर्या बनाने का प्रयास करें और कुछ समय साधना की तरफ देने का समय निर्धारित करें। 

आचार्य का बालोतरा जाने का कार्यक्रम घोषित 

जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो मुम्बई   

आचार्य महाश्रमण का आमेट से बाड़मेर जिले के बालोतरा जाने का यात्रा पथ कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है। 

आचार्य 5 फरवरी को सेलागुड़ा के लिए विहार करेंगे। व्यवस्था समिति के अध्यक्ष महेंद्र कोठारी ने. जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो मुम्बई ko बताया कि आचार्यश्री 

6 फरवरी को कुंआथल, 

7 को दौला जी का खेडा,

8 को ननाणा, 9 व 10 को दिवेर, 

11 को कितेला, 

12 को चारभुजा, 

13 को रिछेड़, 

14 को मजेरा, 

15 को कांकरवा, 

16 को कुंचोली, 

17 को करदा, 

18 को रावलिया खुर्द, 

19 को गोगुंदा, 

20 को रावलियां कलां, 

21 को नांदेशमा, 

22 को पदराड़ा, 

23 को सेमड़, 

24 को सायरा, 

25 को मग्धा, 

26 को रणकपुर, 

27 को सादड़ी, 

28 को मुंडारा, 

29 को रमणिया, 

1 व 2 मार्च को रानी, 

3 को बरकाणा, 

4 को नाडोल, 

5 को नीपलखुर्द, 

6 को डेयलाना, 

7 व 8 को मगरतलाव, 

9 को पनोता, 

10 को जोजावर, 

11 को धनला, 

12 व 13 को खिंवाड़ा, 

14 व 15 को जाणुंदा, 

16 को आउवा, 

17 को बिठोड़ा, 

18 को मारवाड़ जंक्शन, 

19 को गादाणा, 

20 व 21 को गुड़ा रामसिंह, 

22 को राणावास, 

23 से 25 तक सिरियारी, 

26 को मांडा, 

27 को कंटालिया, 

28 को मुसालिया, 

29 को सोजत रोड, 

30 से एक अप्रैल तक बगड़ी में प्रवास करेंगे। 

एक अप्रैल को शाम सियाट, 

2 को सोजत सिटी, 

3 को बागावास, शाम को जाडन, 

4 को रूपरजत विहार, 

4 से 8 तक पाली, 

9 को घुमटी, 

10 को केरला, 

11 को जैतपुरा, 

12 को मांडावास, 

13 को गेलावास, 

14 को मझल, 

15 को करमावास, 

16 व 17 को समदड़ी, 

18 को जेठंतरी, 

19 को पारलू, 

20 को कानाना, 

21 को जानियाना, 

22 को बालोतरा पहुंचकर 

24 अप्रैल को अक्षय तृतीया के दिन आयोजित कार्यक्रम में प्रेरणा प्रदान करेंगे। 

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