Short News in English
Location: | Kelwa |
Headline: | Fast Is Good If Kept For Purity► Acharya Mahashraman |
News: | Acharya Mahashraman mentioned fast taken by Sri Anna Hazare and Sri Narendra Modi and told that fast is good if kept for good aim. Purity of aim is important. Jain community take long fast. Many people do fast of more then 30 days every year. Jains do fast for purity of soul. Anna Hazare did fast for country and Narendra Modi done fast for Peace and amity. Corruption can be seen in politics, in administration and in Public. Strong measures needed to end corruption. From child days we have to give Sanskar of honesty. Non-violence should be adopted by people. He mentioned some reason responsible for violence. 1. Anger 2. Lack of Knowledge 3. Lack of Money or Sources. We can overcome and can pave way for Non-violence. He advised people to develop tolerance. |
News in Hindi
शुद्ध लक्ष्य से किया उपवास सार्थक - आचार्य महाश्रमण
धर्मसभात्नरविवार को तेरापंथ समवसरण में दैनिक प्रवचन आचार्य महाश्रमण ने कहा, ज्ञानशाला प्रशिक्षक प्रशिक्षण शुरू
केलवा जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो केलवा 19 Sep-2011
आचार्य महाश्रमण ने अन्ना हजारे के अनशन और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शांति, भाईचारे के लिए किए गए उपवास का उल्लेख करते हुए कहा कि शुद्ध लक्ष्य के साथ किया गया उपवास सार्थक है। जैन समाज में लंबे-लंबे उपवास किए जाते हैं। 30 दिनों के उपवास काफी संख्या में प्रत्येक वर्ष होते हैं। जैनों की तपस्या आत्म शुद्धि के लिए की जाती है। अन्ना जी ने देश के लिए अनशन किया। मौत को भी गले लगाने का संकल्प दिखाया।
आचार्य श्री रविवार को यहां तेरापंथ समवसरण में दैनिक प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने भ्रष्टाचार के संदर्भ में कहा कि सरकार के लोग हो, प्रशासन का क्षेत्र हो या आम जनता। सब जगह भ्रष्टाचार व्याप्त है। भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए सघन प्रयास आवश्यक है। बचपन से ही नैतिकता, ईमानदारी के संस्कार विद्यालयों में दिए जाने चाहिए। युवाओं को जागरूकता रखनी होगी। व्यापार में धोखाधड़ी, गलत तौल-माप और बेईमानी पर स्वयं द्वारा ही लगाम रखनी होगी। भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए नशामुक्ति पर भी ध्यान देना जरूरी है। मैंने केलवा को नशामुक्त ग्राम बनाने का लक्ष्य दिया है। इस संदर्भ में कार्य हो रहा है। लोगों को प्रेरित करने का कार्य हो, शक्ति नियोजित हो तो सफलता मिल सकती है।
हिंसा का कारण अज्ञानता भी:
उन्होंने श्रावक-श्राविकाओं से हिंसा से दूर रहने का आह्वान करते हुए कहा कि यह व्यक्ति में तीन तरह से आती है। पहला आवेश में आना है। घरेलू हिंसा के प्रसंग अक्सर देखने और सुनने में आते हैं। हिंसा का दूसरा कारण अज्ञानता भी माना गया है। जानकारी होने पर अनेक तरह की हिंसा से बचा जा सकता है। अभाव के कारण व्यक्ति आतंककारी भी बन सकता है। काम वासना और सत्ता को पाने के लिए हिंसा का रास्ता अपनाने की बात सामने आती है। काम और क्रोध की वृत्तियों से बचने पर हिंसा से बचा जा सकता है। दो मार्ग हैं हमारे सामने- एक अहिंसा का सीधा साधा और दूसरा हिंसा का मार्ग।
सहन करना सीखें:
संपत्ति बंटवारे की छोटी-छोटी बातों में उलझना नहीं चाहिए। कोर्ट में जाने की अपेक्षा नहीं रहना चाहिए। त्याग और चेतना का विकास होना चाहिए। सहनशीलता की आवश्यकता है। पिता ने पुत्र को कुछ कह दिया, गुरु ने शिष्य को कुछ कह दिया, तो उसे सहन करना चाहिए। पिता के प्रति पुत्र के भाव आदर से होने चाहिए। कभी डांट भी दिया, तो उसे सहन करना चाहिए। अहिंसा के पालन के लिए जागरूकता रखें। धार्मिक स्थलों से जुडे स्थानों पर जमीकंद का उपयोग नहीं किया जाए। मंत्री मुनि सुमेरमल ने कहा कि सभी व्यक्ति यात्रा में है। यह लंबी यात्रा है। एक जन्म की नहीं जन्म जन्मों की यात्रा है। निर्विकल्प अवस्था जहां आ जाती है वहां मंजिल मिल जाती है। मन वचन की प्रवृत्तियों को छोड़़ते हैं तो चंचलता को भी छोड दें। व्यक्ति को अनवरत रूप से धर्म की आराधना में लीन रहना चाहिए।
महिला मंडल का अधिवेशन 22 से:
अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल का 36वां अधिवेशन 22 से 24 सितंबर तक केलवा की अर्हम वाटिका में होगा। तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्ष फूलीदेवी बोहरा एवं मंत्री रत्ना कोठारी ने बताया कि अधिवेशन के दौरान विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। अधिवेशन में शिरकत करने वाली महिलाओं का नाथद्वारा स्थित गोकुलधाम में भी पंजीयन किया जाएगा। अधिवेशन की तैयारियों को लेकर रविवार को मंडल की सदस्याओं और पदाधिकारियों की बैठक हुई। इसमें व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया गया।
प्रशिक्षक प्रशिक्षण शिविर शुरू:
जैन तेरापंथी महासभा द्वारा संचालित ज्ञानशाला प्रकोष्ठ के अन्तर्गत त्रिदिवसीय ज्ञानशाला प्रशिक्षक प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ हुआ। पहले दिन राजसमंद, रेलमगरा, नाथद्वारा, आसींद, आकोला, लावा सरदारगढ़, भाणा, गंगापुर, आमेट, उड़ीसा, भीम, मध्यप्रदेश के जावद आदि क्षेत्रों के 80 से भी अधिक सदस्यों ने भाग लिया। शिविर में प्राध्यापक डालमचंद नौलखा एवं निर्मल नौलखा ने जैन तत्व विद्या पर विशेष जानकारी दी। मुनि उदित कुमार और मुनि हिमांशु कुमार ने कहा कि आज यहां से प्रशिक्षण प्राप्त करके जाने वाली बहनें अपने अपने क्षेत्रों में जाकर ज्ञानशाला को नियमित रूप से संचालित कर बच्चों को संस्कारित करने में योगभूत बनें। ज्ञानशाला आंचलिक सहयोग देवीलाल कोठारी, सह संयोजक मंजू दक ने स्वागत किया। संचालन दिनेश कोठारी ने किया।
कार्यशाला का समापन:
प्रेक्षा प्राध्यापक मुनि किशनलाल ने कहा कि जीवन विज्ञान पूरे समाज के लिए अत्यंत उपयोगी है। यह जीवन में यदा कदा आने वाले तनाव को कम करने में सहायक सिद्ध होता है। मुनिश्री जीवन विज्ञान कार्यशाला के समापन पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर महाराष्ट्र सरकार के पूर्व शिक्षा निदेशक वालचंद देसरे ने कहा कि जीवन विज्ञान का उपक्रम नवी मुंबई के 60 स्कूलों में संचालित किया जा रहा है। अब इसे संपूर्ण पाठ्यक्रम के रूप में संचालित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।