01.08.2011 ►Kelwa ►Anuvrata Movement Reached From Top Level Leader To Bottom Level General Person◄ Acharya Mahashraman

Published: 01.08.2011
Updated: 21.07.2015

Short News in English

Location: Kelwa
Headline: Anuvrata Movement Reached From Top Level Leader To Bottom Level General Person◄ Acharya Mahashraman
News: Anuvrata Movement reached to then president Dr. Rajendra Prasad and other top leader of country. It also reached to remote villagers. Character building was main purpose. Anuvrata Movement is unique movement for moral development. Development of Sanyam will reduce chances of corruption. Acharya Mahashraman praised Anna Hazare for his fight against corruption. He is fearless and anyone who is fearless can work. Acharya Mahashramn said that I does not believe that only politician are corrupt. Corruption can be seen in every field. People should stay alert to end corruption and control over greed.

News in Hindi

महाश्रमण ने कहा कि यह आंदोलन देश के शीर्ष नेताओं से लेकर अंतिम श्रेणी में जीने वाले व्यक्ति तक पहुंचा है

‘अणुव्रत नैतिकता, संयम, चेतना जगाने वाला’

अणुव्रत अधिवेशन के उद्घाटन पर आचार्य महाश्रमण ने कहा कि यह आंदोलन देश के शीर्ष नेताओं से लेकर अंतिम श्रेणी में जीने वाले व्यक्ति तक पहुंचा है

केलवा 01अगस्त 2011 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो

अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य महाश्रमण ने कहा कि जीवन में त्याग, संयम की चेतना जब जागृत हो जाती है, तब भ्रष्टाचार जैसी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। अणुव्रत आंदोलन एक ऐसा आंदोलन है, जो नैतिकता, संयम, चेतना जगाने का कार्य कर रहा है। आचार्य तुलसी द्वारा शुरू किए गए इस आंदोलन को व्यापक सफलता मिली है। यह आंदोलन देश के शीर्ष नेताओं से लेकर अंतिम श्रेणी में जीने वाले व्यक्ति तक पहुंचा है। व्यक्ति में व्रत का थोड़ा अंश भी आ जाता है, तो जीवन उत्थान की तरफ बढ़ जाता है। अणुव्रत आंदोलन द्वारा मानव उत्थान का कार्य किया जाता है। यह आंदोलन भ्रष्टाचार उन्मूलन एवं नशामुक्त चेतना को जगाने वाला भी है।

वे यहां अणुव्रत आंदोलन के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। आचार्य ने अन्ना हजारे के संकल्प शक्ति की सराहना करते हुए कहा कि हजारे की जब तक प्राण रहेंगे तब तक देश की सेवा करते रहने का संकल्प व्यक्त किया है। देश की सेवा के लिए प्राण देने का संकल्प व्यक्त कर रहे है। यह बहुत बड़ी बात है। मृत्यु से न डरने वाला ही अपने कार्य को सिद्ध करना जानता है और ऐसा संकल्प वही व्यक्ति कर सकता है जिसमें आत्मबल होता है, मनोबल होता है। आचार्य ने कहा कि अन्ना जी के यह शब्द मेरे हृदय को छू गए हैं कि आप देश के लिए जीना चाहते हैं। इसके लिए प्राणों का बलिदान देने के लिए तैयार हैं।

जीवन में संकल्प बड़ा महत्व:

जीवन में संकल्प का बड़ा महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि अणुव्रत भी एक संकल्प है। आदमी अच्छा इंसान बन सकता है। उन्होंने गत दिनों भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की चर्चा करते हुए कहा कि किसी भी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना भी एक सफलता है। अंधकार में रोशनी के लिए एक दीपक जलाने की आवश्यकता है। हिंसा और अपराध जगत की ओर पांव बढ़ाने के तीन कारणों को स्पष्ट करते हुए आचार्य ने कहा कि व्यक्ति प्राय: अज्ञानता, अभाव और आवेश में आकर अपराध करता है।

‘अणुव्रत नैतिकता...

इससे सम्यक ज्ञान के विकास से निजात पाई जा सकती है। किसी व्यक्ति के जीवन में अभाव है, तो उसका स्वभाव बिगड़ जाता है। भुखमरी भी हिंसा का एक महत्वपूर्ण कारण है। उन्होंने अभावों को दूर करने की अपेक्षा का आह्नान करते हुए कहा कि इससे अपराध निरुद्ध हो सकता है।

हर वर्ग भ्रष्टाचार में लिप्त: आचार्य ने कहा कि भ्रष्टाचार में केवल राजनीतिज्ञ ही लिप्त नहीं है। मुझे तो ऐसा कोई वर्ग नहीं दिख रहा,जो भ्रष्टाचार में लिप्त ना हो। जहां पैसा है वहां भ्रष्टाचार है। इसलिए किसी वर्ग विशेष को दोषी नहीं मान सकते। हमें प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक करने का प्रयास करना होगा, जब व्यक्ति जागरूक होगा, तभी भ्रष्टाचार कम होगा।

भ्रष्टाचार एक दैत्य के समान:

मंत्री मुनि सुमेरमल ने भ्रष्टाचार को एक दैत्य की संज्ञा देते हुए कहा कि यह मनोविकार रातों रात बढऩे वाला कीड़ा है। इस पर नियंत्रण करना आज के परिवेश में आवश्यक हो गया है। जो मानवता का सूत्र लेकर खड़े हों वे इतिहास में अपना नाम अंकित कर लेते हैं। इसलिए पहले धार्मिक और फिर नैतिक बनने की आवश्यकता है। आचार्य तुलसी अणुव्रत के द्वारा मानव उत्थान का कार्य कर इतिहास पुरुष बने। उस कार्य को आचार्य महाप्रज्ञ ने अपनी मनीषा से शक्तिशाली बनाकर संघ को नई ऊंचाइयां प्रदान की। वर्तमान में आचार्य महाश्रमण ने उसी आंदोलन का नेतृत्व करते हुए इस मेवाड़ की दुर्गम घाटियों में पदयात्रा की है और नशामुक्ति, भ्रष्टाचार उन्मूलन एवं नैतिकता की अलख जलाई है। मुनि सुखलाल ने कहा कि सारी प्रकृति एक व्यवस्था के अनुरूप चल रही है। इसे ठीक तरह से समझ लिया जाए तो शांति एवं आनंद का वातावरण बन सकता है।

पूरे देश में भ्रष्टाचार का विष:

साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा ने देश में व्याप्त भ्रष्टाचार पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जिस तरह से कहावत है कि पूरे कुएं में भांग है। वैसे ही आज भ्रष्टाचार का जहर आम आदमी में फैल गया है। देश कठिनाइयों के दौर से गुजर रहा है। नैतिकता आधारहीन हो गई है। ऐसे में विकास की बात करना बेमानी है। पश्चिमी मूल्य अनवरत रूप से हावी होते जा रहे है और भारतीय मूल्य गौण हो गए है। जिस तरह समाज और परिवार में विघटन आ रहा है वह चिंतनीय है। उन्होंने कहा कि आचार्य तुलसी ने अणुव्रत का पदार्पण किया और आचार्य महाप्रज्ञ ने उसे आगे बढ़ाया। अब आचार्य महाश्रमण ने बागडोर संभाल रखी है। इससे पूर्व मुनि नीरज ने ‘संयममय जीवन हो’ गीत प्रस्तुत किया। स्वागत की रस्म अदा करते हुए व्यवस्था समिति के अध्यक्ष महेंद्र कोठारी ने अणुव्रत की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केलवा में भी नशामुक्ति का अभियान चल रहा है। इस अनुकरणीय कार्य में सभी समाजों का सहयोग मिल रहा हैं। अणुव्रत के विजयराज सुराणा ने समिति के उद्देश्यों की जानकारी दी। आगंतुक अतिथियों का सम्मान निर्मल एम रांका, डॉ. बी एन पांडेय, जी एल नाहर, जुगराज नाहर, महेंद्र कोठारी और संपत सामसुखा ने किया। अंत में आभार मुकेश डी कोठारी ने जताया।

कोठारी परिवार ने किया स्वागत:

01अगस्त 2011 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो

गांधीवादी विचारक अन्ना हजारे का अणुव्रत अधिवेशन का उद्घाटन समारोह की समाप्ति के बाद व्यवस्था समिति के अध्यक्ष महेंद्र कोठारी एवं उनके परिवारजन की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया। इस दौरान अन्ना ने भोजन भी ग्रहण किया और परिवार के सदस्यों के बारे में जानकारी ली।

पहले नमन, फिर चर्चा:

01अगस्त 2011 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो

सुबह करीब पौने नौ बजे गांधीवादी विचारक अन्ना हजारे भिक्षु विहार पहुंचे। यहां उन्होंने पहले आचार्य महाश्रमण को पहले नमन किया। फिर उनके द्वारा समाज सुधार के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों को लेकर चर्चा की। इस दौरान हजारे ने आचार्य से तेरापंथ समाज के बारे में जानकारी ली और कहा कि देश के नेताओं में कथनी और करनी का अंतर हैं। इसलिए देश रसातल की ओर जा रहा है। भुखमरी निरंतर बढ़ रही है और व्यक्ति अपराध की तरफ जा रहा है। इस पर आचार्य ने कहा कि आज के मनुष्य को नैतिकता का पाठ पढाऩा आवश्यक हो गया है। इसके बिना उसका जीवन सफल नहीं हो सकता। इस दौरान उन्होंने विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।


Sources

Jain Terapnth News

News in English: Sushil Bafana

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