Short News in English:
Location: | Shishoda |
Headline: | Samta and Sanyam are Necessary for Peaceful Life◄ Muni Tatvruchi |
News: | Muni Tatvruchi while giving training of Jain Vidhya Workshop told that we should control desires. Everyone who wants peace should follow principal of Simplicity and Sanyam. |
News in Hindi:
शिशोदा - अपेक्षा उपेक्षा का कारण है: मुनि तत्वरुचि
शिशोदा 22 JULY 2011 जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो सेवा
मुनि तत्वरुचि ने कहा कि आशा निराशा का और अपेक्षा उपेक्षा का कारण है। वास्तव में आशा, अपेक्षा, महत्वाकांक्षा आदि दु:ख के मूल हैं। सहजता, समता, संयम और संतोष का भाव तनाव मुक्त, शांतिपूर्ण जीवन के अहम सूत्र हैं। जो जीवन में सुख-शांति की चाह रखते हैं, उन्हें इन अहम सूत्रों को अपने जीवन व्यवहार में अपनाना चाहिए।
यह विचार मुनिश्री ने गुरुवार को शिशोदा गांव के तेरापंथ भवन में जैन विद्या कार्यशाला के अन्तर्गत व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि इच्छाओं का दमन ही अमन और चमन का वास्तविक पथ है, जो इच्छाओं का दास होता है वह कभी अमन-चैन से वास नहीं कर सकता। इच्छा पूर्ति में लगे व्यक्ति का जीवन पूरा हो जाता है, लेकिन उसकी इच्छाएं कभी पूरी नहीं होती। कार्यक्रम के प्रारंभ में मुनि ने प्रेक्षाध्यान एवं अर्हम मंत्र जप का प्रयोग करवाया। इस अवसर पर दाखू बाई पत्नी बाफना ने तेले तप का अनुष्ठान पूर्ण किया।