07.07.2011 ►Pratapgarh ►General People Are responsible For Current Situation◄ Muni Tarunsagar

Published: 07.07.2011
Updated: 21.07.2015

News in English:

Location:

Pratapgarh

Headline:

General People Are responsible For Current Situation◄ Muni Tarunsagar

News:

Muni Tarunsagar give long interview to Dainik Bhaskar. In reply to question he said that corruption entered in all places. Someone has come to lead. Baba Ramdev or Anna Hazare all are doing good to fight for corruption. He also told general people are equally responsible for current situation. Politics and Religion should not be mixed. Non-Violence is only way to solve all problems. Media should not forget to publish good news in competition.

News in Hindi:

दैनिक भास्कर’ से भेंट -में बोले मुनि तरुण सागर

दैनिक भास्कर’ से भेंट -में बोले मुनि तरुण सागर

मौजूदा हालात के लिए आम लोग भी जिम्मेदार

प्रतापगढ़. प्रवचन, विचार प्रेरणा की ओजस्वी शैली और क्रांतिकारी विचारों के लिए प्रख्यात दिगंबर जैन मुनि तरुण सागर का मानना है कि आज देश में जो हालात हैं, उसके लिए आम आदमी भी जिम्मेदार है। तीन दिन प्रवास के लिए आए मुनि श्री ने शनिवार को ‘भास्कर’ से इसकी चर्चा की। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार सर्व व्यापी है, लेकिन इसका विरोध तो अवश्यंभावी था। यह पहल किसी न किसी को तो करनी ही थी। ‘भास्कर’ के सवालों पर मुनि श्री ने अपनी चिर परिचित शैली में ही उत्तर दिए...

(जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो द्वारा प्रस्तुती)

भेटकर्ता - तेज नारायण शर्मा. प्रतापगढ़

प्रश्न - बाबा रामदेव के भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान के बारे में आपका क्या मानना है?

मुनि तरुण सागर- भ्रष्टाचार आम आदमी तक पहुंच गया है। श्रीकृष्ण को सर्वव्यापी कहा जाता है, लेकिन मैं यह मानता हूं कि आज के समय में श्रीकृष्ण की जगह भ्रष्टाचार हर जगह व्याप्त है। इसके विरोध में एक न एक दिन किसी न किसी को तो आगे आना ही था। चाहे वह बाबा रामदेव हो या अन्ना हजारे।

प्रश्न - देश की वर्तमान स्थिति के लिए कौन जिम्मेदार है।

मुनि तरुण सागर- देश की वर्तमान स्थिति के लिए चंद नेता ही नहीं, बल्कि आम आदमी भी जिम्मेदार है।

प्रश्न - देश के बारे में आप क्या सोचते हैं।

मुनि तरुण सागर- देश में दस फीसदी ईमानदार लोगों की वजह से देश व समाज का वजूद है। हवा के झोंके आते रहते हैं। चंद लोगों की वजह से देश व समाज चल रहा है।

प्रश्न - प्रोफेशनल संतों के बारे में आपका क्या मानना है?

मुनि तरुण सागर- संत और सत्ता अलग-अलग है। कुछ लोग संत का बाना लेकर सत्ता की तरफ बढ़ रहे हैं।

प्रश्न - वर्तमान में राजनीति को आप कहां खड़ा पाते हैं?

मुनि तरुण सागर- वर्तमान में राजनीति और धर्म अलग-अलग है। राजनीति में धर्म आने पर रामायण हो जाती है। धर्म में राजनीति आने पर महाभारत हो जाता है। आज महाभारत रचा जा रहा है। राजनीति का अपराधीकरण व धर्म का व्यावसायीकरण हो गया है। आज राजनीति पूरी तरह से विकृत हो चुकी है।

प्रश्न - विकास के साथ-साथ कानून और सत्ता का दुरुपयोग बढ़ा है। इसे कैसे रोका जाए?

मुनि तरुण सागर- आज हर व्यक्ति अपनी पार्टी के विकास में लगा है। सत्ता पर काबिज लोगों की जिम्मेदारी है, देश का विकास करें। देश में जो समस्याएं है, उनका कभी अंत नहीं हो सकता। रामराज्य की स्थापना कभी नहीं हो सकती।

प्रश्न - क्या अहिंसा एक क्रांति है?

मुनि तरुण सागर- सारी दुनिया को स्वर्ग बनाने का सिर्फ एक ही रास्ता है अहिंसा। अहिंसा एक अवधारणा है, जिसमें हर आदमी सुख से जी सकता है।

प्रश्न - आपके प्रवचन कड़वे क्यों हैं?

मुनि तरुण सागर- जो मुख से निकले और कानों तक खत्म हो जाए वे मीठे वचन होते हैं। जो वचन कानों से होकर दिल तक पहुंचते हैं वह कड़वे प्रवचन है। दिल तक पहुंचने पर ही परिवर्तन संभव है।

प्रश्न - मीडिया की भीड़ का क्या भविष्य है।

मुनि तरुण सागर- मीडिया केवल सच्चे समाचार की होड़ में अच्छा समाचार न भूल जाए। समाज में समाचार का क्या संदेश जाएगा इस पर विचार की आवश्यकता है।

प्रश्न - देश में गोवध कैसे रोका जाए?

मुनि तरुण सागर- मांस के निर्यात पर रोक लगनी चाहिए। बाबा रामदेव को इस मांग को भी शामिल करना चाहिए।मक क्रांति का सूत्र

(जैन तेरापंथ न्यूज ब्योरो द्वारा प्रस्तुती)

भेटकर्ता - तेज नारायण शर्मा. प्रतापगढ़

Sources
Jain Terapnth News

News in English: Sushil Bafana
Share this page on:
Page glossary
Some texts contain  footnotes  and  glossary  entries. To distinguish between them, the links have different colors.
  1. Anna Hazare
  2. Jain Terapnth News
  3. Muni
  4. Non-violence
  5. Sushil Bafana
  6. तरुण सागर
  7. दस
  8. सत्ता
  9. सागर
Page statistics
This page has been viewed 2181 times.
© 1997-2024 HereNow4U, Version 4.56
Home
About
Contact us
Disclaimer
Social Networking

HN4U Deutsche Version
Today's Counter: