News in English:
Location: | Sevantri |
Headline: | Everyone Gets Result of Deeds◄ Acharya Mahashraman |
News: | We should be alert so our soul is not filled with new karma. Every person gets result of his deeds. We should win anger by peace. We should develop quality of forgiveness. |
News in Hindi:
कर्मों के बंधन का फल भोगना पड़ेगा: महाश्रमण
कर्मों के बंधन का फल भोगना पड़ेगा: महाश्रमण
सेवंत्री प्रवास के दूसरे दिन धर्मसभा में कहा आचार्य ने
चारभुजा 27 जून 2011 जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो
तेरापंथ धर्म संघ के आचार्य महाश्रमण ने कहा कि संसार में आए हुए प्राणियों ने बहुत पाप कर्म किए, जिससे हमारी आत्मा हजारों वर्षों तक संसार में भटकती रहती है। कर्मों का बंधन जो भी करता है, उसे फल भोगना ही पड़ता है।
सेवंत्री में प्रवास के दूसरे दिन धर्म प्रेमियों को मंगल पाथेय प्रदान
वे रविवार को सेवंत्री में प्रवास के दूसरे दिन धर्म प्रेमियों को मंगल पाथेय प्रदान कर रह थे। उन्होंने कहा कि हमारी जागरूकता यह रहनी चाहिए कि हम पाप कर्मों के बंधन से बचने का प्रयास करें। पाप कर्म के पीछे मोह, कर्म का हाथ रहता है। हमारी साधना ऐसी होनी चाहिए जो मोह कर्मों को हल्का करे। कषाय वृत्ति (चोरी, अन्याय, डकैती) जैसे पाप वृत्तियों से ही पाप कर्म बंधते हैं। हमारा क्रोध कमजोर पड़े। इसके लिए हमें क्षमा भाव की साधना करनी चाहिए। क्षमा के लिए साहस और अभय चाहिए। हमारे भीतर क्षमा करने की चेतना जागनी चाहिए। उन्होंने महात्मा ईसा, कृष्ण, महात्मा गांधी, स्वामी दयानंद सरस्वती, महावीर जैसे महापुरुषों का उदाहरण देते हुए कहा कि इन लोगों ने क्रोध को शांति से जीता। सब्र करना और अपराध को क्षमा करना सबसे बड़ा काम है। क्रोध हमारी चित्त की शुद्धि को समाप्त करने वाला होता है। क्षमा एक बड़प्पन है। क्षमा के लिए आत्मबल चाहिए, दुर्बल मनुष्य क्षमा नहीं कर सकता। क्षमा सहज है, क्रोध असहज है।
स्मृति सभा:
तेरापंथ धर्म संघ की साध्वी श्रेयंक एवं कान कुमारी के देवलोकगमन पर आचार्य महाश्रमण एवं साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा के सानिध्य में स्मृति सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान साधु, साध्वियों एवं श्रावकों ने दो मिनट मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की।