News In English:
Location: | Saloda |
Headline: | Moksha Can Be Attained By Sanyam ◄ Acharya Mahashraman |
News: | Acharya Mahashraman in his daily pravachan told people that anger ends love. Anger is enemy of love and mutual understanding. Practise Sanyam. Sanyam will pave way for Moksha. Forgiveness is great quality. During adverse situation we should practise it. He also expressed his concern over bitter relation between couple. It is duty of Husband and Wife to behave in such way, that give perfect samadhi to each other. To be happy apply some points in life
Sadhvi Pramukha Kanak Prabha also spoke on the occasion. |
News in Hindi:
संयम से बंधन मुक्ति का मार्ग प्रशस्त: महाश्रमण
आचार्य महाश्रमण
आचार्य महाश्रमण ने सलोदा में धर्मसभा के दौरान कहा, आज वाटी विहार करेंगे
खमनोर 09 JUNE 2011 जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो
आचार्य महाश्रमण ने कहा कि क्रोध प्रीति भाव का नाशक है। क्रोध करने से प्रेम, सौहार्द कम हो जाता है। जीवन की सरलता के लिए प्रयास करें कि आक्रोश भाव कमजोर हो। मन के धरातल से क्रोध के नशे को त्याग दें। संयम का अभ्यास करें। संयम से बंधन मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
वे बुधवार को खमनोर क्षेत्र सलोदा गांव में अहिंसा महायात्रा के अल्प पड़ाव के दौरान आयोजित धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे। आचार्य ने श्रावक- श्राविकाओं को मनुष्य में क्रोध भाव की उपज का कारण बताते हुए कहा कि मोह कर्म के दबाव से क्रोध का जन्म होता है। झगड़ा व किसी का अपमान करना आसान है, लेकिन प्रतिकूलता में भी क्षमा भाव रखना बड़ा गुण है। व्यक्ति को नम्र, शिष्ट भाव रखना चाहिए। आचार्य ने बताया कि कुल 18 प्रकार के पापों से मुक्ति होना मनुष्य जीवन की सुंदर साधना है। उन्होंने बंधन मुक्ति को मानव के भीतर का तत्व बताया। आज के परिवेश में विखंडित हो रहे दांपत्य संबंधों पर भी चिंता व्यक्त करते हुए इसे कायम रखने का सूत्र बताया। उन्होंने कहा कि दांपत्य में शांति की स्थापना गृहस्थ जीवन की श्रेष्ठ साधना है। पति- पत्नी एक-दूजे के साथ वह व्यवहार करें कि चित्त समाधि में बाधा न उत्पन्न हो, बल्कि वे एक दूसरे के आध्यात्मिक विकास में सहायक बनें। प्रसन्न रहने के उपाय पर उन्होंने कहा कि वर्तमान में जीएं। आवश्यकताएं कम करें और समय के साथ तालमेल बिठाएं। जीवन में समय और कार्य का प्रबंधन करें। साध्वी प्रमुख कनकप्रभा ने भी विचार व्यक्त किए।
आचार्य आज वाटी, कल हल्दीघाटी में:
आचार्य महाश्रमण अपनी धवल सेना के साथ गुरुवार अलसुबह सलोदा गांव से विहार गोगुंदा तहसील के वाटी गांव में पदार्पण करेंगे। वहां एक दिन के प्रवास बाद वे शुक्रवार सुबह बलीचा स्थित प्रताप संग्रहालय पहुंचेंगे। यहां दिनभर प्रवास के बाद शाम चार बजे खमनोर कस्बे में प्रवेश करेंगे। पंचायत समिति के प्रताप सभागार में रात्रि आठ बजे वे धर्मसभा को संबोधित करेंगे। तत्पश्चात शनिवार को वे मोलेला विहार करेंगे। खमनोर तथा मोलेला में आचार्य के पदार्पण को लेकर तैयारियां की जा रही हैं।