22.05.2011 ►Our aim should be Moksha ◄ Acharya Mahashraman

Published: 22.05.2011
Updated: 21.07.2015

News In English

Location:

Farara

Headline:

Our aim should be Moksha ◄ Acharya Mahashraman

News:

Acharya Mahashraman advised people of Farara that if you want to live happy and peaceful life make your aim to get Moksha. Life style should be changed according to religion.

News in Hindi:

फरारा में आयोजित धर्मसभा में कहा आचार्य महाश्रमण ने

परम की प्राप्ति को बनाएं जीवन का लक्ष्य

फरारा(राजसमंद)  

तेरपंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें आचार्य श्री महाश्रमण ने कहा कि जीवन को सुखमय बनाना है तो प्रत्येक व्यक्ति को सांसारिक वस्तुओं का मोह त्याग कर परम की प्राप्ति को ही अपना लक्ष्य बनाना चाहिए। 

फरारा में आयोजित धर्मसभा में कहा आचार्य महाश्रमण ने

वे शनिवार को समीप के फरारा गांव में धर्मसभा में उद्बोधन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि परम की प्राप्ति के लिए जीवन की शैली को धार्मिक बनाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए सांप्रदायिक सौमनस्य को भी बनाए रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सांप को छेड़ा जाए तो वह फन उठाता है। इसी प्रकार अगर व्यक्ति को झकझोरा जाए प्रेरित किया जाए तो वह तेजस्वी होता है। उन्होंने कहा कि इसको ध्यान में रखते हुए व्यक्ति को प्रेरणा देते रहना चाहिए। इससे आदमी में कुछ बनने कुछ करने की इच्छा उत्पन्न होती है। 

आचार्य ने मोह के विषय पर बोलते हुए कहा कि व्यक्ति को कभी मोह नहीं करना चाहिए तथा लोभ लालच में नहीं पडऩा चाहिए। मोह को लेकर उन्होंने एक कहानी भी सुनाई। इसमें उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति किसी संत के पास सुबह के समय रोजाना प्रवचन सुनने जाता था, लेकिन वह शाम के प्रवचन सुनने नहीं जाता। इस पर एक बार संत ने उससे पूछ लिया कि तुम शाम के प्रवचन सुनने क्यों नहीं आते हो। इस पर उस व्यक्ति ने कहा कि शाम के समय उसे उसके माता पिता नहीं आने देते क्योंकि वह उससे काफी मोह करते हैं तथा रात के समय घर से बाहर नहीं निकलने देते क्योंकि उन्हें डर रहता है कि रात को वह कहीं गिर न जाए और उसे कहीं चोट न लग जाए। इस पर संत ने कहा कि यह सही नहीं है तुम्हारे माता पिता तुमसे कोई मोह नहीं रखते। इस पर वह व्यक्ति नहीं माना तो संत ने कहा कि परीक्षा हो जाए। इस पर व्यक्ति तैयार हो गया तो संत ने उसे सांस रोकने की प्रक्रिया बताते हुए कुछ समझाया तथा घर जाकर वैसा ही करने को कहा। इसके बाद युवक ने घर पर एक दिन मां से कहा कि उसके पेट में दर्द हो रहा है। इसके कुछ देर बाद उसने सांस रोक ली तो घर में कोहराम मच गया। कुछ ही देर बाद संत उसके घर से बाहर से निकल रहे थे तो घर में प्रवेश किया तथा माजरा जानने के बाद घर में व्यक्ति के पिता से कहा कि वह उसे जीवित कर सकते हैं। इसको लेकर उन्होंने कुछ क्रिया करने के बाद कहा कि यह एक ग्लास पानी आप पी लें तो आपका पुत्र तो जीवित हो जाएगा, लेकिन आपकी मौत हो जाएगी। 

आचार्यश्री महाश्रमण अपनी धवल सेना के साथ फरारा गांव में प्रवेश करते हुए।

इस पर उसके पिता ने ऐसा करने से मना कर दिया। इस प्रकार एक एक कर घर में मां व सभी सदस्यों ने उसके बदले मौत को स्वीकार कर दिया। अंत में संत ने व्यक्ति से कहा कि अब तुम खड़े हो जाओ। इसके बाद संत की बात व्यक्ति को समझ में आ गई। 

इससे पूर्व मंत्री मुनि सुमेर मल ने कहा कि पदार्थ की आसक्ति त्यागें तभी परम की प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि आचार्य इसी बात को प्रत्येक स्थान पर कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि आचार्य के उपदेशों को ग्रहण करें तथा उन्हें आत्मसात करें तभी आचार्य श्री का आपके गांव में आगमन सार्थक हो पाएगा। धर्मसभा में तेरापंथी धर्मसंघ फरारा के अध्यक्ष अर्जुनलाल लोढ़ा ने संकल्प लेते हुए कहा कि गुरुदेव के आगमन के उपलक्ष्य में वे लगातार पांच वर्ष तक प्रत्येक माह की 21 तारीख को सौ गरीब परिवारों को दो सौ दो सौ रुपए का अंशदान अपनी ओर से देंगे। धर्मसभा में साध्वी प्रमुख कनकप्रभा जी, मुख्य नियोजिका विश्रुतविभा, तेरा पंथ धर्मसंघ के नानालाल रंगलाल मेहता, हीरालाल, पूनमचंद, सुरेश कुमार आदि उपस्थित थे। संचालन दिनेश मुनि ने किया।

Sources
Jain Terapnth News

News in English: Sushil Bafana
Categories

Click on categories below to activate or deactivate navigation filter.

  • Jaina Sanghas
    • Shvetambar
      • Terapanth
        • Acharya Mahashraman
          • Share this page on:
            Page glossary
            Some texts contain  footnotes  and  glossary  entries. To distinguish between them, the links have different colors.
            1. Acharya
            2. Acharya Mahashraman
            3. Jain Terapnth News
            4. Mahashraman
            5. Moksha
            6. Sushil Bafana
            7. आचार्य
            8. आचार्य महाश्रमण
            Page statistics
            This page has been viewed 1620 times.
            © 1997-2024 HereNow4U, Version 4.56
            Home
            About
            Contact us
            Disclaimer
            Social Networking

            HN4U Deutsche Version
            Today's Counter: