21.05.2011 ►Violence Is Root Cause Of Unrest ◄ Acharya Mahashraman

Published: 21.05.2011
Updated: 21.07.2015

News In English

Location:

Kandadev Gura (Rajsamand)

Headline:

Violence Is Root Cause Of Unrest ◄ Acharya Mahashraman

News:

Acharya Mahashraman told that for happy and prosper society we need to accept Non-violence. Sadhvi Pramukha Kanakprabha, Muni Sumermal, Sadhvi Vishrut Vibha also spoke on occasion.

News in Hindi:

‘हिंसा अशांति का मूल’-आचार्य महाश्रमण

कानादेव गुड़ा (राजसमंद) 21 May-2011 (जैन तेरापंथ समाचार ब्योरो)

तेरापंथ धर्म संघ के आचार्य महाश्रमण ने कहा कि हिंसा अशांति का मूल कारण है, इसलिए हमें सुखी समृद्ध समाज के लिए अहिंसा को मन, वचन एवं व्यवहार में अपनाना होगा। आचार्य शुक्रवार को अहिंसा यात्रा के तहत कानादेव गुड़ा में धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे।

A कानादेव का गुड़ा में ग्रामीणों को नशामुक्ति का संकल्प दिलाते आचार्य महाश्रमण, मुनि सुमेरमल

इस अवसर पर मंत्री मुनि सुमेरमल, साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा, मुख्य नियोजिका विश्रुतविभा ने भी प्रवचन दिए। आचार्य महाश्रमण ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ जब अहिंसा यात्रा पर थे तब गुजरात में अशांति एवं हिंसा का वातावरण था। तब उन्होंने गुजरात के गांव, कस्बों एवं शहर में अहिंसात्मक माहौल बनाने का पूरा प्रयास किया। लोगों को समझाया कि अशांति से विकास अवरुद्ध होता है।

श्रीमद्ï भागवत का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भाव शुद्धि आवश्यक है, अशुद्ध भावना से सुख की प्राप्ति संभव नहीं है। अणुव्रत अनुशास्ता तुलसी की मासिक पुण्यतिथि का स्मरण करते हुए उन्होंने अहिंसा और अणुव्रत को विश्वव्यापी बनाया! उन्होंने समर्पित कार्यकर्ताओं की टीम एवं श्रावक श्राविकाओं को तैयार किया।

महाश्रमण ने गुरु धारण को आस्था, योग एवं संयम का समन्वय बताते हुए कहा कि गुरु के प्रति निष्ठा होनी चाहिए।

साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा ने कहा कि हम मानते है कि मनुष्य जन्म श्रेष्ठ है तो हममें मनुष्यता का भाव भी होना चाहिए। धर्माचरण को जीवन का अभिन्न अंग बनाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इससे हमारा वर्तमान एवं भविष्य दोनों सुखद हो सकते है।

साध्वी विश्रुत विभा ने कहा कि अती एवं भविष्य के प्रति चिंतन हमारे दुख का कारण है। आवश्यकता इस बात की है कि हम वर्तमान में जिए जिससे अध्यात्म का सुख प्राप्त हो। कर्म क्रिया में जाग रुकता एवं तन्मयता से हमारी कार्य क्षमता में वृद्धि होती है।

A राजसमंद। कानादेव का गुड़ा में आयोजित धर्मसभा में उपस्थित श्रावक श्राविकाएं

पूर्व प्रधान शांतिलाल कोठारी ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन मुनि दिनेश ने किया। धर्मसभा में अनेक ग्रामीण किसानों को आचार्य महाश्रमण ने नशामुक्ति का संकल्प भी दिलाया। समारोह में अणुव्रत शिक्षक संसद संस्थान के अध्यक्ष भीखमचंद नखत, महाराणा राजसिंह शोध एवं स्मृति संस्थान के महासचिव दिनेश श्रीमाली भी मौजूद थे। इससे पूर्व सुबह महाश्रमण धवल सेना के साथ पिपलांत्री से दोवड़ पहुंचे, जहां मंगल पाठ हुआ। इसके बाद वे कानादेव का गुड़ा पहुंचे।

Sources
Jain Terapnth News

News in English: Sushil Bafana
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